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हिमाचल ने देखी सदी की सबसे बड़ी आपदा, भयावह बारिश की भेंट चढ़ गए 509 अनमोल जीवन, 9712 करोड़ की संपत्ति तबाह

Himachal Disaster: इस साल मानसून सीजन में भारी बरसात ने हिमाचल प्रदेश में जमकर कहर बरसाया है. इस तरह की त्रासदी प्रदेश ने दशकों से नहीं देखी थी. इसमें 509 लोग मौत का ग्रास बन गए. हजारों आशियानें बरसात की भेंट चढ़ गए. बड़ी संख्या में पशुधन का नुकसान हुआ. 9712 करोड़ रुपए की संपत्ति मानसून सीजन में तबाह हो गई.

Himachal Disaster
Himachal Disaster

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 27, 2023, 7:04 AM IST

Updated : Dec 27, 2023, 1:01 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लिए वर्ष 2023 आपदा के लिहाज से गहरी पीड़ा वाला साल रहा है. इस साल मानसून सीजन ने ऐसी तबाही मचाई कि पहाड़ त्राहि-त्राहि कर उठे. शिमला में शिव बावड़ी मंदिर हादसा, सिरमौर में ताल हादसे सहित प्रदेश भर में ऐसी प्रलय आई कि सभी सिहर उठे. हिमाचल में दशकों में ऐसी बर्बादी का मंजर नहीं देखा गया था.

त्रासदी में 509 लोगों की मौत:हिमाचल में आई आपदा में कुल 509 लोग मौत का शिकार हुए. 9712 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई. यही नहीं, 2944 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए. इसके अलावा 12,304 घरों को नुकसान हुआ. पशु धन की व्यापक तबाही हुई और राज्य भर में 7250 गोशालाएं नष्ट हो गई. चंडीगढ़-शिमला हाईवे सहित कुल्लू मनाली में हाईवे बह गए. सड़कें ध्वस्त हो गई. आवागमन ठप हो गया और लोग बारिश से डर कर घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे. परिवार के परिवार बारिश की भेंट चढ़ गए. प्रकृति का रौद्र रूप देख सभी सहम गए.

हिमाचल में बरसाती आफत में हजारों आशियानें तबाह (फाइल फोटो)

ममलीग में 4 बच्चों सहित 7 की दर्दनाक मौत: सोलन जिले के ममलीग में बादल फटा था और एक ही परिवार के कई सदस्य मौत के मुंह में चले गए. इनमें चार बच्चे भी थे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू मौके पर पहुंचे तो परिजनों का करुण कुंदन सुनकर सभी का कलेजा दर्द से फटने लगा. यहां हरिराम व रतिराम के मकान बारिश में ध्वस्त हो गए थे. अगस्त महीने में 14 तारीख इन परिवारों के लिए काल का संदेश लेकर आई थी. रतिराम व उनके बेटे हरिराम के घर आसपास ही थे. बादल फटने से पानी का भारी बहाव घरों को ध्वस्त करता हुआ चला गया.

शिमला का शिव मंदिर हादसा (फाइल फोटो)

शिव मंदिर में काल का तांडव, 1 दिन में 55 की मौत: हिमाचल में 14 अगस्त को एक ही दिन में 55 लोगों की मौत हुई थी. शिमला के समरहिल स्थित शिव मंदिर के लिए सावन का ये सोमवार काल का संदेश लेकर आया. यहां मंदिर लैंड स्लाइड की चपेट में आया और इस हादसे ने 20 लोगों की जान ले ली. लोग सावन के सोमवार के दिन 14 अगस्त को शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गए थे. एक ही दिन में 55 मौतों ने तब देश को दहला दिया था. उस दिन शिमला जिले में 14, मंडी जिले में 19, सिरमौर जिले में 7, सोलन जिले में 13 लोगों सहित हमीरपुर, कांगड़ा, बिलासपुर में विभिन्न हादसों में हुई मौतों को मिलाकर डेथ का आंकड़ा 55 पहुंच गया था.

बादल फटने से हिमाचल में हुई थी भारी तबाही (फाइल फोटो)

शिव मंदिर हादसे में मृतकों की पहचान:शिव मंदिर हादसे में एचपी यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के हैड प्रोफेसर पीएल शर्मा, उनकी पत्नी चित्रलेखा व बेटा इशू मौत के मुंह में समा गए थे. यहां गणित विभाग की ही प्रोफेसर मानसी और उनके गर्भ में पल रही नन्हीं जान दुनिया देखने से पहले ही दुनिया को अलविदा कह गई. पुजारी सुमन किशोर भी महाकाल के चरणों में चले गए. शिमला के कारोबारी पवन शर्मा की तीन पीढ़ियों के पांच सदस्य भी काल का ग्रास बन गए. इसी तरह सिरमौरी ताल हादसे में एक ही परिवार ने अपने पांच अनमोल सदस्य खो दिए. यहां दादी के सीने से लिपटे पोते के शव को देखकर सभी का दिल दुख से भर गया था.

हिमाचल में बारिश से कई सड़कें हुई थी क्षतिग्रस्त (फाइल फोटो)

मानसून सीजन में सड़क हादसों ने ली 204 की जान: इस बार मानसून सीजन में सड़क हादसों में 204 लोगों की जान चली गई. लैंडस्लाइड व अन्य कारणों से वैसे तो कुल मौतों का आंकड़ा 509 रहा है, लेकिन अकेले रोड एक्सीडेंट में 204 लोगों का जीवन काल का ग्रास बन गया. शिमला व चंबा जिले में इस दौरान 30-30 लोगों की जान गई तो सोलन जिले में 29 लोगों की मौत हुई. ऊना जिले में 21, सिरमौर जिले में 18 व मंडी में 15 लोग सड़क हादसे में मारे गए. लाहौल स्पीति में चार लोगों की जान गई. बाढ़ में बहने से 47 की मौत हुई तो सर्पदंश से भी 22 लोगों की जान गई. खाई में गिरने से 55 लोग मारे गए. लैंडस्लाइड से 114 लोग मौत के मुंह में गए. कुल 509 मौतों में से सबसे अधिक जख्म शिमला जिले को मिले. यहां 106 लोगों की मौत हुई. कुल्लू जिले में 57, मंडी में 53, चंबा में 54 व कांगड़ा जिले में 48 लोगों की मौत हुई. प्रदेश भर में 528 लोग घायल भी हुए.

भारी बाढ़ में बहे थे कई वाहन (फाइल फोटो)

9712 करोड़ से अधिक का नुकसान: हिमाचल में मानसून सीजन में सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ. इस विभाग को 2949 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ. इसके अलावा 2419 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान जल शक्ति विभाग को हुआ. बिजली बोर्ड को 1917 करोड़, कृषि-बागवानी को 570 करोड़ रुपए और ग्रामीण विकास विभाग को 675 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा. अन्य विभागों को मिलाकर कुल नुकसान का आंकड़ा 9712.50 करोड़ का रहा. मानसून में लैंडस्लाइड की 169 घटनाएं पेश आई. वहीं, फ्लैश फ्लड की 72 घटनाएं हुई. मनाली में ब्यास नदी में कई वाहन बह गए. प्रदेश भर में घर ताश के पत्तों की तरह ढहते नजर आए. आलम ये था कि हल्की सी बारिश शुरू होते ही लोग सहम जाते थे.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो)

आपदा कोष में सीएम ने दिए 51 लाख: राज्य सरकार ने आपदा राहत कोष का गठन किया और राज्य का मुखिया होने के नाते सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मिसाल पेश करते हुए अपने जीवन की जमा पूंजी के तौर पर 51 लाख रुपए की रकम दान कर दी. स्कूली बच्चों ने अपनी पॉकेट मनी भेंट की तो नन्हे बच्चे भी अपनी गुल्लक लेकर पहुंच गए. भाजपा विधायकों ने भी अपनी एक महीने की सैलरी दी. सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी आगे आए. सभी ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार अंशदान किया.

आपदा राहत कोष राशि का इस्तेमाल: आपदा राहत कोष में 200 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा हुई. राज्य सरकार ने अपना घर गंवा चुके लोगों को किराए के लिए माहवार राशि प्रदान की. घर बनाने के लिए राहत राशि में बढ़ोतरी की गई. केंद्र से जेपी नड्डा, नितिन गडकरी व अनुराग ठाकुर ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू निजी तौर पर प्रदेश में जगह-जगह प्रभावित परिवारों से मिले और उन्हें ढांढस बंधाया. इस दौरान केंद्र से मदद भी आई, लेकिन राज्य सरकार ने इसे नाकाफी बताया. राज्य सरकार ने केंद्र से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और पैकेज देने की मांग की. फिलहाल, बरसात बीत गई और धीरे-धीरे राज्य की गाड़ी पटरी पर लौट आई है, लेकिन हादसों के जख्म शायद ही कभी भर पाएं.

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Last Updated : Dec 27, 2023, 1:01 PM IST

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