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किलिंग स्कूल में बच्चों से जातिगत भेदभाव का मामला, स्टेट्स रिपोर्ट के लिए सरकार को 2 सप्ताह का अतिरिक्त समय

किलिंग स्कूल में बच्चों से हुए जातिगत भेदभाव के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए 2 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. किलिंग स्कूल में टूर्नामेंट के दौरान दलित समाज के बच्चों को खाना और पानी बांटने से रोका गया था.

hearing in shimla high court on killing high school  caste discrimination case
हाईकोर्ट

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Published : Nov 26, 2019, 11:51 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी जिला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल किलिंग में स्कूली बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव को लेकर चल रहे मामले में सरकार को 2 सप्ताह के अतिरिक्त समय के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने मीडिया में आई खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार के आग्रह पर दो सप्ताह का अतिरिक्त समय देते इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए.

इस मामले में मुख्य सचिव सहित डीसी मंडी, निदेशक उच्चतर शिक्षा, उप निदेशक उच्चतर शिक्षा मंडी व स्कूल के प्रधानचार्य को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिये थे. मीडिया में आई खबरों के अनुसार स्कूल में पढ़ने वाले दलित समुदाय के बच्चों के अभिभावकों ने एडीएम मंडी श्रवण मांटा और एएसपी मंडी पुनीत रघु को लिखित में शिकायत पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग उठाई है.
शिकायत सौंपने वालों में धर्म चंद, हुकम चंद, झाबे राम, टेक चंद, देविंद्र कुमार, पवन कुमार, घनश्याम, यशवंत, चौधरी राम और सुनील कुमार शामिल है। शिकायत में कहा गया है कि 9 सितंबर को स्कूल में हो रहे टूर्नामेंट के दौरान वहां कार्यरत कर्मचारियों ने उनके बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव किया.

शिकायत के अनुसार बच्चों को कहा गया कि वह न तो किसी को पानी बांटेंगे और न ही साथ बैठकर खाना खाएंगे. प्रधानाचार्य पर आरोप है कि उन्होंने मामले की गंभीरता को नहीं समझा और इसे दबाने का प्रयास किया व बच्चों पर दबाव बनाया कि इस बात को घर पर न बताया जाए. बच्चों का कहना है कि ऐसी प्रताड़ना से उनका अनपढ़ रहना ही ठीक है. अभिभावकों ने जिला प्रशासन और पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को कठोर सजा देने की मांग उठाई है.

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