शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 7 से 8 नवंबर 2019 को धर्मशाला में प्रस्तावित 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट' को सफल बनाने के लिए शिमला में बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग द्वारा पावर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.
इस कॉन्क्लेव में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए 10 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें 25,772 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. इससे 14,500 लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. इन नौकरियों में 70 फीसदी पद हिमाचलियों के लिए आरक्षित होंगे.
इन बिजली परियोजनाओं को सभी मंजूरियां मिलने के बाद पांच से छह साल के भीतर उत्पादन शुरू करना होगा. परियोजनाओं के शुरू होते ही हिमाचल में 2,927 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा.
पावर कॉन्क्लेव की जानकारी देते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर. ये परियोजनाएं लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला और हमीरपुर जिलों में चिनाब, सतलुज, रावी बेसिन पर स्थापित होंगी. प्रदेश सरकार ने छह एमओयू कानूनी दस्तावेजों और चार एमओयू औद्योगिक दस्तावेजों पर साइन किए.
एसजेवीएनएल ने साइन किए सबसे अधिक एमओयू
प्रदेश में मिनीरत्न के नाम से प्रसिद्ध एसजेवीएनएल ने 1958 मेगावाट की क्षमता वाली सात जल विद्युत परियोजनाओं (HEP) के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिनमें लूहरी स्टेज-1, लूहरी स्टेज-2, धौलासिद्ध, जंगी थोपन, पोवारी, पुरथी, बरदंग शामिल हैं.
एनटीपीसी ने 520 मेगावाट की क्षमता की परियोजनाओं के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिसमें मियार तथा सैली जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं. एनएचपीसी ने 449 मेगावाट की क्षमता वाली दुग्गर जल विद्युत परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया.
पावर कॉन्क्लेव में एमओयू साइन करते सीएम जयराम. सबसे अधिक एमओयू साइन करने वाली एसजेवीएनएल 16,160 करोड़ का निवेश करते हुए प्रदेश में 1958 मेगावाट का बिजली उत्पादन करेगा.
शिमला में आयोजित पावर कॉन्क्लेव. 'जल विद्युत परियोजना में अग्रणी राज्य होना गर्व की बात'
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की तीन अग्रणी ऊर्जा एजेंसियां एसजेवीएनएल, एनटीपीसी, एनएचपीसी राज्य में पनबिजली का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश का एक अग्रणी राज्य होना गर्व की बात है.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन का उद्देश्य राज्य के लिए निवेश आकर्षित करना है, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.
अब तक 75 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू साइन
इससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक लगभग 75,700 करोड़ रुपये के 570 एमओयू पर हस्ताक्षर करने में सफल रही है, जिससे राज्य में प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का उदय होगा.
बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग ने जल विद्युत परियोजनाओं के अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों के साथ भी 1,040 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं, जिससे 1500 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.
कुल मिलाकर पावर कॉन्क्लेव में 26,812 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए. जिनसे 16,000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.