शिमला:शिमला में बुधवार राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा का दौरा किया. इस दौरान राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती मॉडल के रूप में विकसित किए गए प्रदर्शन बागों का भी निरीक्षण किया और वैज्ञानिकों द्वारा तैयार इस कृषि पद्धति की सराहन करते हुए उनकी तारिफ की. उन्होंने बागवानी विश्वविद्यालय से जुड़े वैज्ञानिकों और सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि परियोजना के अधिकारियों के प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है.
'किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जागरुक करेंगे वैज्ञानिक: इस मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे संस्थानों से बाहर निकलकर अपने क्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करें. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के फायदे जानकर किसान जरूर इसे अपनाएंगे, जोंकि न केवल किसानों के लिए बेहद फायदेमंद होगी, बल्कि सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी. प्राकृतिक खेती से प्रदेश के किसान अपनी पैदावार की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ अच्छी आजीविका भी कमा पाएंगे.
'फल उत्पादक बना रहे प्रदेश की पहचान': राज्यपाल ने औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा केंद्र में आयोजित ‘प्राकृतिक खेती-सुरक्षित विकल्प’ विषय पर किसानों और वैज्ञानिकों के संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसान की आय पहले के मुकाबले बढ़ी है और वह राज्य की तरक्की में भी अपना सहयोग दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की सेब आधारित अर्थव्यवस्था लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की है. राज्यपाल ने कहा कि हमारे किसान और फल उत्पादक प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अब हिमाचल सिर्फ पर्यटन के लिए ही नहीं फल उत्पादन के लिए भी जाना जाता है, जिससे हिमाचल को एक खास पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि आज विदेशों में किन्नौर का सेब मंहगे दामों पर बिक रहा है, जिससे हिमाचल में फल उत्पादकों को प्रोत्साहन मिला है.