शिमला: हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी के मामले थम नहीं रहे हैं. शातिर आए दिन किसी न किसी बड़े व्यक्ति का सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. साइबर अपराधियों ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के नाम पर फर्जी खाते बनाए हैं. इसके बाद शातिर सोशल मीडिया पर राज्यपाल के नाम से पैसे मांग रहे हैं. राज्यपाल ने खुद फेसबुक पर लोगों से अपील की है कि वे इन फर्जी खातों को नजरअंदाज कर इन शातिरों के झांसे में न आएं.
राज्यपाल आर्लेकर की फेसबुक पोस्ट. राज्यपाल के फर्जी खातों को लेकर पुलिस विभाग भी सतर्क हो गया है और अपराधियों की खोज में जुट गया है. शातिर का नाम-पता जानने के लिए फेसबुक प्रबंधन को पत्र लिखा है. उधर, एएसपी व साइबर एक्सपर्ट नरवीर सिंह राठौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी ने राज्यपाल के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया है. जिसको लेकर जांच की जा रही है. शातिर आजकल ठगी के नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं. फर्जी अकाउंट बनाकर ठगी करना भी इन्हीं में से एक है. शातिर ठग क्या-क्या हथकंडे अपना रहे हैं आइए डालते हैं एक नजर.
शातिर ऐसे करते हैं ठगी
- ठग आपको एसएमएस के जरिये अनधिकृत भुगतान का लिंक भेज सकते हैं. यदि आप जल्दबाजी में उस लिंक पर क्लिक करते हैं तो यह शातिर आपको आपके फोन पर स्थापित यूपीआइ भुगतान एप पर जाने के लिए कहेगा. साथ ही आपको आटो डेबिट के लिए किसी भी एप का चयन करने के लिए कहेगा. एक बार आप अनुमति देते हैं तो राशि तुरंत डेबिट हो जाएगी.
- किसी भी शहर के प्रबुद्ध व्यक्ति का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उसके करीबी लोगों को मैसेंजर से संदेश भेजते हैं कि वह कहीं फंसा हुआ है या उसे बहुत बड़ी जरूरत आ गई है. अभी फोन पर बात करना संभव नहीं है, इसलिए अकाउंट नंबर पर पैसे डाल दें.
- शातिर किसी भी गाड़ी की फोटो इंटरनेट मीडिया पर डाल देते हैं. जैसे ही कोई खरीदार मिलता है तो उसे कहा जाता है कि वह सेना में कार्यरत है और अगले माह उसका तबादला हो रहा है. ऑनलाइन पैसे भेज दो और गाड़ी आपके पास पहुंच जाएगी. इसके लिए वह फर्जी फोटो व वीडियो भेजकर लोगों को ठगते हैं.
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