शिमला: हिमाचल में पर्यटकों को आने की अनुमति देने के फैसले का कांग्रेस ने भी विरोध शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के मुताबिक प्रदेश सरकार ने यह फैसला बिना सोचे समझे केंद्र के दबाव में आकर लिया है.
कांग्रेस ने सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती के साथ रखने की सलाह दी है. शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कुलदीप राठौर ने कहा कि हिमाचल के जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उन्हें 14 दिन के क्वारंटाइन में रखा जा रहा है और पर्यटकों को घूमने की खुली छूट दी जा रही है.
कुलदीप राठौर का कहना है कि ऐसे में सैकड़ों लोगों के हिमाचल आने से कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. सरकार ने यह फैसला बिना सोचे समझे लिया है. जबकि सरकार को राजनीतिक दलों और स्टेकहोल्डर के साथ भी चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने केंद्र के दवाब में आ कर जल्दबाजी में यह फैसला लिया है.
राठौर ने कहा कि सरकार के इस फैसले का होटल व्यवसायी और व्यापार मंडलों द्वारा विरोध किया जा रहा है. प्रदेश में कोरोना के मामले हर दिन बढ़ रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्र जोकि अभी तक कोरोना से अछूते हैं वहां पर भी पर्यटक के आने से यह बीमारी पावं पसार सकती है. मुख्यमंत्री जो कोविड डेस्टिनेशन बनाने की बात कर रहे थे उसकी ओर काम शुरू कर दिया है.
राठौर ने कहा कि सरकार सोशल डिस्टेंसिग की बात कर रही है, लेकिन बसों में सौ फीसदी लोगों को बैठने की अनुमति दे दी गई है. ऐसे में कानून का कैसे पालन किया जा सकता है. सरकार ने प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह अपना पक्ष केंद्र सरकार के समक्ष रखे और यहां की परिस्थितियों के बारे में उन्हें अवगत करवाएं. साथ ही प्रदेश की सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया जाए और लोगों को ऐसे ही प्रवेश न करने दिया जाए.
राठौर ने कहा कि सरकार राज्य में लोगों को प्रवेश करने के लिए प्रोटोकॉल फॉलो करवाए. साथ ही सीमाओं पर जांच के लिए अधिक कर्मियों को तैनात करे ताकि कोरोना संक्रमित लोग हिमाचल में प्रवेश न कर सके.
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