शिमला:भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बुधवार को अपना 138 वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर शिमला के प्रदेश कांग्रेस पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित अन्य नेता मौजूद रहे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीआर से लेकर सीएम तक का उनका सफर कांग्रेस पार्टी की देन है. आज पार्टी का स्थापना दिवस है और आज अपने कार्यकर्ताओं के पास आकर खुशी हो रही है. (Congress celebrated foundation day at shimla)
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी, प्रदेश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए बेहतर समन्वय और समर्पण भाव के साथ काम करेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी से पिछले 40 वर्षों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें काम करने का अवसर प्रदान करना वास्तव में कांग्रेस पार्टी के हर कार्यकर्ता के लिए सम्मान का विषय है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी और सर्वागिंण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार, राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान प्रदान करेगी. (cm sukhu on Congress foundation day)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग सभी कांग्रेस विधायकों की कांग्रेस पार्टी से मजबूत पृष्ठभूमि है और लगभग सभी विधायकों ने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जमीनी स्तर पर कार्य किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कुछ विषयों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उनकी विचारधारा अलग नहीं है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश कांग्रेस सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य में लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन मिले. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सत्ता का आनंद लेने के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर (एचपीएसएससी) में पेपर लीक घोटाले का पर्दाफाश किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए एचपीएसएससी हमीरपुर के कामकाज को निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं में भर्ती एजेंसियों के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए यह निर्णय लिया गया जबकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान भर्ती प्रक्रियाओं पर लोगों का विश्वास उठ चुका था.