शिमला: प्रदेश में बरसात से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए सभी डीसी को आदेश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र से जब टीम हिमाचल आएगी तो उसके सामने बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट पेश की जाएगी ताकि केंद्र की तरफ से उचित सहायता मिल सके. प्रदेश में इस साल बरसात से भारी नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी बरसात जारी है, लेकिन सभी जिले के डीसी को बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर जब बरसात समाप्त होती है तो केंद्र की टीम हिमाचल आती है. बरसात से हुए नुकसान का आंकलन केंद्रीय टीम भी करती है. प्रदेश सरकार भी इनके सामने रिपोर्ट पेश करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में बरसात के कारण विद्युत प्रोजेक्ट्स को भी भारी नुकसान पहुंचता है. इस बार भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई है. प्रदेश सरकार इस बारे में भी केंद्र के समक्ष रिपोर्ट पेश करेगी. बरसात से अकेले लोक निर्माण विभाग को ही करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. सड़कों, पुलों व सरकारी भवनों को 140 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को 75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बरसात से कुल 214 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन है. राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से गत 13 जून से लेकर 18 जुलाई तक प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट जारी की गई है.
इसके अलावा बरसात और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 152 लोगों की जान ले चुकी हैं. इसके अतिरिक्त 339 मवेशियों व पक्षियों की मौत हुई है. भारी बारिश के कारण कांगड़ा जिला में कुछ लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है. प्रदेश में 40 पक्के मकान और 19 कच्चे मकान ध्वस्त हुए. कई स्थानों पर 41 पक्के मकानों और 219 कच्चे मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है. बारिश से सात दुकानों व 218 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में इस बार मानसून 13 जून को प्रवेश कर गया था. कुछ दिन मानसून की सक्रियता से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई.
ये भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर के गृह राज्य में स्पोर्ट्स पॉलिसी और स्पोर्ट्स बिल का 'खेल', वीरभद्र सरकार में हुई थी HPCA पर नकेल कसने की तैयारी