शिमला: हिमाचल प्रदेश में मैट्रिक व प्लस टू के छात्र अब साल में एक ही बार परीक्षा देंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में बोर्ड परीक्षाओं में टर्म सिस्टम समाप्त कर दिया है. अब हिमाचल में फिर से एनुअल एक्जाम सिस्टम लौट आया है. शिक्षक संगठन भी इस बारे में लंबे समय से मांग कर रहे थे. पहले साल में दो बार परीक्षा होती थी. यानी टर्म सिस्टम के तहत इन दो कक्षाओं के बच्चों को साल में दो बार परीक्षा से गुजरना होता था. अब फिर से साल में एक बार यानी एनुअल सिस्टम की वापसी हुई है. हिमाचल के शिक्षक संगठन इस बारे में तर्क दिया करते थे कि एनुअल सिस्टम ही बेहतर है. टर्म सिस्टम बच्चों के लिए अच्छा नहीं है.
कारण ये बताया जाता था कि बच्चों को टर्म परीक्षा के कारण रिवाइज करने का समय कम मिलता था. एक ही अकादमिक सत्र में दो बार परीक्षाएं होने से बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा पहुंचती थी. बच्चों को दो बार परीक्षा की तैयारी का बर्डन अलग से महसूस होता था. कम से कम डेढ़ महीने का समय इसी में लग जाता था. अब एनुअल सिस्टम से बच्चे निश्चिंत होकर पढ़ाई और रिवीजन कर सकेंगे. एक तर्क ये भी दिया जाता था कि दो बार परीक्षा फीस देने से आर्थिक बोझ अनावश्यक रूप से पड़ता था.