शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वाटर सेस पर केंद्र सरकार की मिली चिट्ठियां का सरकार कानूनी व प्रशासनिक अध्ययन कर रही हैं. इसके बाद इसको लेकर कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे और अपना हक लेंगे. मुख्यमंत्री ने आज राज्य सचिवालय के आर्म्सडेल बिल्डिंग के फेज-3 का उद्घाटन किया और इसके बाद कर्मचारियों को संबोधित किया.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज प्रदेश की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है. आज प्रदेश के हर हिमाचली पर 93 हजार का कर्ज है. प्रदेश की खराब हालात सुधारने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सुधार और नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं. हिमाचल की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने वाटर सेस लगाने का फैसला लिया है. हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर चिट्ठियां हिमाचल को लिखी हैं, जिनका कानूनी और प्रशासनिक अध्ययन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह हमारा अधिकार है और हम अपने अधिकार लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार केंद्र सरकार का सहयोग लेगी और जहां कुछ मतभेद है वहां पर संवाद का रास्ता भी अपनाया जाएगा.
फाइलों की स्पीड बढ़ानी होगी: मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सभी को पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कार्य में तेजी लाने के लिए फाइलों की गति बढ़ानी होगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और आर्थिक तंगी के बावजूद राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि एनपीएस का पैसा केंद्र सरकार के पास है और राज्य सरकार की हिस्सेदारी वापस लाने में कर्मचारियों को सहयोग करना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय का पुराना भवन एक विरासत भवन है, जहां जन कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं. नया भवन आधुनिक तकनीक के साथ सामंजस्य से कार्य करने की सरकार की कार्य प्रणाली को प्रदर्शित करता है. उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने में कर्मचारियों के सहयोग के महत्व पर भी विशेष बल दिया.