शिमला: कोरोना वायरस और उसके आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. आर्थिक पैकेज को लेकर कृषि विशेषज्ञ जीयानंद ने कहा कि प्रदेश के किसानों को केंद्र सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया पैकेज एक लोन पैकेज की तरह है. उन्होंने कहा कि लोन देने के बजाए सरकार कर्ज माफी करे.
जीयानंद ने कहा कि फूल, सब्जी और फसल में किसानों को भारी नुकसान हुआ है इसलिए किसान किसी भी तरह का लोन लेने में सक्षम नहीं है. अगर उन्हें प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार की तरफ से बिना किसी गारंटी के लोन मिल भी जाता है तो वर्तमान में किसान इस योग्य नहीं है कि वह कर्ज की किश्त दे पाए. किसान सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद करता है ताकि अगली फसल के लिए बीज, कीटनाशक और खाद के साथ-साथ अन्य जरूरी चीजों के लिए खर्च कर सके.
जीयानंद ने कहा की हिमाचल में अधिकतर किसान कम भूमि पर खेती बाड़ी करते हैं जिसके कारण उन्हें कृषि के साथ-साथ अन्य व्यवसाय पर भी निर्भर रहना पड़ता है. प्रदेश में कृषि के अलावा पर्यटन बड़ा व्यवसाय है और छोटे किसान पर्यटन स्थलों पर जाकर भी कुछ कमाई करते हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी चल सके. लॉकडाउन के कारण वह व्यवसाय भी बंद हो गया है.