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शिक्षा विभाग की कार्रवाई से अभिभावक मंच नाखुश, इंस्पेक्शन रिपोर्ट सार्वजनिक न करने पर फिर दी आंदोलन की चेतावनी

अभिभावक मंच ने शिक्षा विभाग की कार्रवाई को बताया नाकाफी. शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर किया सवाल खड़े. इंस्पेक्शन रिपोर्ट सार्वजनिक न करने पर फिर दी आंदोलन की चेतावनी.

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Published : Apr 15, 2019, 11:39 PM IST

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शिमला: फीस कम करने को लेकर अभिभावक मंच के आंदोलन के बाद शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल्स के निरीक्षण के लिए कमेटियों का गठन किया. विरोध प्रदर्शन के बाद विभाग द्वारा कई अन्य कदम भी उठाए गए, लेकिन छात्र अभिभावक मंच शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं.

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मंच ने विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि शिक्षा विभाग मात्र दिखावे के लिए ही निजी स्कूलों का निरीक्षण करवा रहा है. अभिभावकों का कहना है कि निरीक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा का कहना है कि विभाग के अनुसार निजी स्कूल्स के इंस्पेक्शन के लिए चार साल पहले कमेटियों का गठन कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो निजी स्कूल्स की इंस्पेक्शन क्यों नहीं करवाई गई और स्कूल्स की मनमानी पर विभाग ने रोक क्यों नहीं लगाई. विजेंद्र महेरा का कहना है कि विभाग की ओर से हमेशा सरकारी स्कूल्स पर ही फैसले थोपे जाते हैं. निजी स्कूल्स में निर्णयों को लागू करवाने में शिक्षा विभाग की ओर से कोई पहल नहीं कि गई है. मंच ने विभाग पर आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल्स के लिए 72 इंस्पेक्शन टीमों का गठन किया है, लेकिन यह टीमें क्या काम कर रही है इसे उजागर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन टीमों के चार सालों का रिकॉर्ड अभिभावकों और जनता के सामने रखा जाए.

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विजेंद्र महेरा का कहना है कि शिक्षा निदेशालय में 8 अप्रैल को किए गए घेराव के बाद शिक्षा विभाग सिर्फ छोटे-छोटे निजी स्कूल्स में ही इंस्पेक्शन करवा रहा है और बड़े स्कूल्स पर कोई कार्रवाई नहीं कि जा रही है.

अभिभावक मंच का कहना है कि उनके पास अन्य जिलों से भी सिर्फ छोटे स्कूल्स पर कार्रवाई की शिकायतें आ रही हैं. मंच ने शिक्षा विभाग को चेताया है कि शिक्षा विभाग की ओर से 11 अप्रैल तक डेडलाइन वाले स्कूल्स में की गई इंस्पेक्शन की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. मंच ने चेतावनी दी है कि अगर 11 अप्रैल तक डेडलाइन वाले स्कूल्स की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कि गई तो आंदोलन फिर से शुरू कर दिया जाएगा.

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