शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. प्रतिदिन 300 से 400 मरीज कोरोना संक्रमण के सामने आ रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के साथ अब बरसात में लोगों को एक और जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस ने दस्तक दे दी है. प्रतिवर्ष कई लोग स्क्रब टायफस से ग्रसित होकर जान गंवा देते हैं. ऐसे में इस संक्रमण को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
15 जून से 15 अक्टूबर तक बरसात का मौसम रहता है. इस दौरान किसानों को अपने खेत में भी काम पर जाना पड़ता है. अगर इस दौरान किसान सावधानी से काम नहीं करेंगे तो जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस से ग्रस्त हो जाएंगे और समय पर इलाज नहीं मिला तो मौत भी हो जाती है. प्रदेश में स्क्रब टाइफस दस्तक दे चुका है. प्रतिदिन 2 से 3 मरीज स्क्रब टाइफस के आ रहे हैं. आईजीएमसी में इस साल अबतक 30 मरीज स्क्रब टाइफस से ग्रसित होकर उपचाराधीन हैं. जबकि पूरे प्रदेश में इस साल अब तक स्क्रब टाइफस के 95 मामले आ चुके हैं. हालांकि इस साल अभी कोई मौत स्क्रब टाइफस से नहीं हुई है.
कारण: स्क्रब टाइफस एक संक्रामक बीमारी है जो जानवरों में होने वाला मौसमी रोग है और मनुष्यों में आ जाता है. घास काटने गए या अन्य बाहरी कार्य के दौरान व्यक्ति संक्रमित कीट (चिगर्स) द्वारा काटे जाने पर इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है. किसान, बागवान, खेतों या बगीचों में काम करने वाले मजदूर और अन्य कार्यों के लिए बाहर जाने वाले लोगों को इससे संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है. खेतों में पाए जाने वाले चूहे संक्रमण के मुख्य स्रोत हैं. स्क्रब टाइफस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता.
लक्षण: स्क्रब टाइफस में तीव्र बुखार मुख्य लक्षण है. इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना, उल्टी होना इसके अन्य लक्षण हैं. कुछ मामलों में शरीर पर लाल निशान भी हो जाते हैं. स्क्रब टाइफस में तेज बुखार कंपकंपी के साथ 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है. इससे शरीर में ऐंठन, अकड़न और शरीर टूटा हुआ लगना प्रतीत होता है. अगर ऐसे लक्षण हाे ताे तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें.