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जानिये कौन थे IPS साजु राम राणा, जिन्होंने गलवान हिंसा के बाद ऐसे निभाई थी अपनी ड्यूटी

आईपीएस अधिकारी साजु राम राणा का दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया. वो अपनी ड्यूटी पर तैनात थे और मुख्यमंत्री की रैली की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे थे. आइये आपको बताते हैं कि आखिर कौन थे साजु राम राणा और गलवान में हुई हिंसा के बाद उन्होंने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई थी. आखिर उस दौरान एसआर राणा ने क्या किया था जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर (Himachal CM rally in dharamshala) (IPS Saju Ram Rana)

आईपीएस एसआर राणा का निधन
आईपीएस एसआर राणा का निधन

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Published : Jan 3, 2023, 8:17 PM IST

शिमला : मंगलवार 3 जनवरी 2023, धर्मशाला का जोरावर स्टेडियम. जहां सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की जन आभार रैली चल रही थी. इस रैली का जिम्मेदारी आईपीएस एसआर राणा के कंधों पर थी. पिछले कुछ दिनों से वो लगातार इस रैली की सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हुए थे और मंगलवार को भी रैली स्थल पर ही मौजूद थे. मंच पर नेता और लोगों के बीच अपनी जिम्मेदारी निभा रहे आईपीएस साजु राम राणा को ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ा और वो ज़मीन पर गिर पड़े. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें जोनल अस्पताल धर्मशाला पहुंचाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. (IPS officer dies of cardiac arrest during HP CM rally) (IPS Saju Ram Rana)

1990 में पहनी पुलिस की वर्दी- साजु राम राणा का जन्म 13 मई 1964 में मंडी जिले के धर्मपुर में हुआ. कॉमर्स में मास्टर डिग्री होल्डर एसआर राणा ने सितंबर 1990 में इंसपेक्टर के रूप में हिमाचल पुलिस ज्वाइन की. पालमपुर और घुमारवीं डीएसपी के बाद उन्हें डीएसपी हेड क्वार्टर कुल्लू की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद उन्होंने कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर और सोलन जिले के एडिशनल एसपी की जिम्मेदारी भी निभाई. (Who is IPS Saju Ram Rana)

सीएम की रैली के दौरान दिल का दौरा पड़ने से आईपीएस एसआर राणा का निधन

IPS प्रमोट हुए थे एसआर राणा- एक लंबी प्रक्रिया के बाद राज्य पुलिस के बेहतरीन अफसरों को आईपीएस प्रमोट किया जाता है. एसआर राणा भी उनमें से एक थे, उनकी पहचान एक पेशेवर अफसर की रही और इसी प्रोफेशनल अप्रोच का नतीजा था कि उन्हें आईपीएस प्रमोट किया गया. साजु राम राणा को साल 2020 में आईपीएस में शामिल किया गया था. (IPS SR Rana Dies of Heart Attack)

गलवान हिंसा के दौर मे निभाई अहम भूमिका- आईपीएस एसआर राणा किन्नौर जिले के एसपी भी रहे. ये साल 2020 का वो वक्त था जब गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया था. किन्नौर जिले की सीमाएं चीन से लगती हैं. दोनों देशों के बीच तनाव के कारण बॉर्डर पर स्थित गांवों के लोग डरे हुए थे. ऐसे में एसपी रहते हुए एसआर राणा ने सीमावर्ती गांवो का दौरा किया और लगभग 10 रात इन गांवों में ठहरकर ग्रामीणों का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाया. उन्हें हिम्मत दी कि हिमाचल पुलिस हर वक्त उनके साथ है और उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. उनके इस प्रयास को काफी सराहना मिली थी.

साल 2020 में IPS प्रमोट हुए थे एसआर राणा

नशे को मानते थे सबसे बड़ी समस्या- सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करना और नशे के कारोबार पर नकेल कसना साजु राम राणा की प्राथमिकता में थे. वो मानते थे कि नशा किसी एक शख्स या परिवार की समस्या नहीं है. ये एक पूरे समाज की समस्या है और इसके खिलाफ लड़ने के लिए समाज के हर वर्ग को जिम्मेदारी निभानी होगी. एसआर राणा मौजूदा वक्त में चौथी इंडियन रिजर्व बटालिया (IRB), जंगल बैरी (हमीरपुर) के कमांडेंट थे. अपने कार्यकाल के दौरान वो पहली इंडियन रिजर्व बटालियन, बनगढ़ (ऊना) के भी कमांडेंट रहे. इस दौरान बटालियन ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेल प्रतियोगिताओं में दो बार बेस्ट बटालियन की ट्रॉफी अपने नाम की थी.

साजु राम राणा को राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा गया था

राणा को मिले सम्मान- मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले एसआर राणा को उनकी सराहनीय सर्विस के लिए साल 2020 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें स्पेशल ड्यूटी के लिए दो पुलिस मेडल भी मिले. वो अपने जोश और कभी हार ना मानने वाले रवैये के साथ-साथ अपनी फिटनेस के लिए भी जाने जाते थे. मंगलवार को आईपीएस साजुराम राणा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार बुधवार को होगा.

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