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Published : Dec 2, 2019, 9:27 PM IST

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मंडी में खुला प्रदेश का दूसरा शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र

राज्य सचिवालय शिमला के बाद मंडी में प्रदेश का दूसरा शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र खुल गया है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार हर जिले में शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोलने पर जोर दे रही है.

Natural Farming Product Sales Center
मंडी में खुला प्रदेश का दूसरा शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र

मंडी: राज्य सचिवालय शिमला के बाद मंडी में प्रदेश का दूसरा शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र खुल गया है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार हर जिले में शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोलने पर जोर दे रही है.

मंडी जिला प्रशासन ने इसमें पहल करते हुए इंदिरा मार्केट परिसर में बिक्री केंद्र खोला है. प्राकृतिक खेती में जुटे किसानों को उत्पाद इस विक्रय केंद्र पर खरीदने को मिलेंगे. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने 'विक्रय केन्द्र’ के नाम से स्थापित इस केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया.

डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिला में यह विक्रय केन्द्र राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत खोला गया है. इसका उद्देश्य शून्य लागत प्राकृतिक खेती में लगे किसानों को प्रोत्साहन देना और लोगों को केमिकल स्प्रे व दवाईयों से मुक्त खाद्य उत्पाद उपलब्ध करवाना है.

वीडियो रिपोर्ट

आजीविका विक्रय केन्द्र के जरिए शून्य लागत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए उचित मंच मिलेगा. ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती के माध्यम से मंडी जिला के 3 हजार 770 किसान कुल 262 हैक्टयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. इसके लाभ व शून्य लागत को देखते हुए और किसान भी इसे अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं.

मंडी में खुला प्रदेश का दूसरा शून्य लागत प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र

बता दें कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती में देसी गाय के गोबर, गौमूत्र और स्थानीय पेड़ पौधों की पत्तियों का इस्तेमा किया जाता है. रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग न करने के कारण इसे जहरमुक्त खेती भी कहा जाता है.

डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि आजीविका विक्रय केंद्र पर स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद भी बेचे जाएंगे. इसके लिए अभी विकास खंड सदर में 'नैना खंड स्तरीय फेडरेशन' का गठन किया गया है, जिसमें 50 ग्राम संगठन शामिल किए गए हैं. इनके तहत 762 स्वयं सहायता समूह जुड़े हैं. इनके उत्पादों को भी यहां पर बेचा जाएगा. जिला स्तर पर जल्द ही इसी तरह से एक वृहद फेडरेशन का गठन किया जाएगा.

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