मंडी:जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी की अदालत ने दलित के साथ अत्याचार करने व उसकी मौत के दोषी को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. मामला 4 वर्ष पूर्व करसोग का है. अदालत ने फैसला सुनाते हुए अनुसूचित जाति/ जनजाति से संबंधित व्यक्ति भूपेंद्र के साथ मारपीट करने व उसकी मौत का कारण बनने का दोष सिद्ध होने पर रमेश कुमार को सजा सुनाई.
आजीवन कारावास के साथ 1 लाख जुर्माना:अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग 2 के तहत 7 वर्ष कठोर कारावास के साथ 1 लाख जुर्माना व अनुसूचित/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2) (v) के तहत आजीवन कारावास के साथ 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं ,यदि दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है तो दोनों सजाओं में अतिरिक्त कठोर कारावास और भुगतना होगा. कारावास की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
22 अक्टूबर 2018 का मामला:लोक अभियोजन मंडी रवीना राही ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि 22 अक्टूबर 2018 को भूपेंद्र कुमार अपनी बेटी के साथ बाजार गया हुआ था, लेकिन उसकी बेटी बाजार से घर वापस आ गई, लेकिन भूपेंद्र कुमार घर पर नहीं पहुंचा. रात के समय घर वालों को सूचना मिली कि भूपेंद्र जख्मी हालात में करसोग अस्पताल में भर्ती है. उक्त घटना के आधार पर करसोग थाना की टीम ने दोषी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू की.
31 गवाहों के बयान दर्ज: वहीं ,उधर भूपेंद्र की गंभीर हालत को देखते हुए उसे करसोग अस्पताल से आईजीएमसी शिमला व शिमला से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन पीजीआई में उपचार के दौरान भूपेंद्र की मौत हो गई. मामले की छानबीन पूरे होने पर थाना अधिकारी करसोग द्वारा चालान अदालत में दायर किया गया. जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम द्वारा उक्त मामले की सरकार की ओर से पैरवी की गई. अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 31 गवाहों के बयान दर्ज करवाए. शुक्रवार को आरोपी रमेश कुमार को अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
ये भी पढ़ें :हिमाचल हाईकोर्ट का राज्य सरकार के सभी सीपीएस को नोटिस, 19 मई को होगी मामले की सुनवाई