करसोग:ग्रामीण इलाकों में सरकार की ओर से लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सुविधा देने के लिए तरह-तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. बात अगर जिला मंडी के करसोग उपमंडल की करें तो यहां पटवारियों के 43 में से 23 पद रिक्त हैं. हर कानूनगो वृत में एक पटवारी को दो से तीन पटवार सर्कलों का जिम्मा सौंपा गया है. ऐसे में लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आम जनता को हो रही परेशानी
हैरानी की बात है कि पद खाली होने के बाद भी करसोग से पटवारियों का तबादला किया जा रहा है. सरकार रिक्त हुए पदों को नहीं भर रही है. जिसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. लोगों की परेशानी यहीं खत्म नहीं हो रही है. स्थानीय विधायक हीरालाल का कहना है कि पटवारियों के तबादले को लेकर मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया है.
तहसीलदार के कंधों पर कार्य का सारा भार
उपमंडल में नायब तहसीलदारों के दो पद भी रिक्त हैं. करसोग तहसील सहित पांगणा उप तहसील में नायब तहसीलदारों के पद खाली हैं. उप तहसील पांगणा में 6 महीने और करसोग में करीब 3 महीने से नायब तहसीलदार के तबादले के बाद से रिक्त हुए पदों को भरा नहीं गया है. इस कारण कार्य का सारा भार अकेले तहसीलदार के कंधों पर आ गया है. जिससे आम लोगों को भी अब भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.