कुल्लू:वैशाख मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ आज 9 अप्रैल से हो रहा है. आज के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत में भगवान गणेश की एकदंत रूप में पूजा-अर्चना की जाएगी. पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 9 अप्रैल रविवार को सुबह 9:35 पर होगा. वहीं, तिथि का समापन अगले दिन यानी 10 अप्रैल सोमवार को सुबह 8:37 पर होगा.
व्रत का पारण चंद्र देव की पूजा के बाद:संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्र देव की पूजा के बाद किया जाता है. ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 9 अप्रैल रविवार को रखा जाएगा. इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9:58 पर होगा. वहीं, 9 अप्रैल को सुबह 6:26 से सुबह 9:35 तक भद्रा काल भी रहेगा. ऐसे में भद्रा काल के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, लेकिन इस दिन गणेश की पूजा पर इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
भगवान गणेश और चतुर्थी माता की पूजा:संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश और चतुर्थी माता की पूजा की जाती है. आचार्य दीप कुमार ने बताया कि ऐसा करने से संतान के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती है. वैवाहिक जीवन में तनाव भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है. इस व्रत में उपवास का पालन करने से घर और कारोबार में समस्याएं दूर होती है. वहीं, मान्यता है कि चतुर्थी व्रत करने से मानसिक तनाव दूर हो जाता और भक्त को भगवान गणेश सुख -समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
ऐसे करनी चाहिए पूजा:इस दिन भक्तों को सुबह स्नान करके साफ कपड़े धारण करना चाहिए, उसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणेश को जल, अक्षत, दूर्वा , लड्डू और पान अर्पित करें और ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें. वहीं, शाम के समय चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही इस व्रत को खोलना चाहिए.चांद निकलने से पहले भगवान गणपति की पूजा करना चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अन्न का दान किया जाता है. सुख शांति की प्रार्थना भक्तों को भगवान गणेश से करना चाहिए.
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