कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को जहां पहले कोरोना संक्रमण ने नुकसान पहुंचाया तो अब भारी बरसात भी पर्यटन कारोबार (Tourism Business) के लिए आफत बन कर आई है. हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के चलते विभिन्न पर्यटन स्थलों पर नुकसान भी हुआ तो वहीं, बरसात की खबर को सुन पर्यटक भी अब प्रदेश का रुख करने से कतरा रहे हैं.
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली की अगर बात करें तो बरसात के कहर ने यहां भी पर्यटन को नुकसान पहुंचाया है. जहां बीते सप्ताह पर्यटन नगरी मनाली में ऑक्यूपेंसी की दर 60% थी वहीं एक बरसात के बाद ही यह घटकर 30% रह गई.
बीते वीकेंड में जहां 4000 पर्यटक वाहन कुल्लू मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमने आए थे. इस सप्ताह यह दर घटकर 1000 ही रह गई. जिसके चलते अब अक्टूबर माह तक पर्यटन कारोबारियों को बरसात का नुकसान उठाना पड़ेगा.
इस साल कुल्लू जिला पर्यटन कारोबारियों को देरी से शुरू हुए पर्यटन सीजन के 15 अगस्त तक चलने की उम्मीद थी, लेकिन बरसात के मौसम ने पर्यटन को बड़ा झटका दिया है. वीकेंड में कुल्लू-मनाली में होटलों की आक्यूपेंसी (Occupancy) में भारी कमी आई है.
जानकारी के अनुसार पिछले वीकेंड को जिला भर में करीब 4000 पर्यटक वाहन पहुंचे थे. इस हफ्ते में यह आंकड़ा मात्र 1000 तक रह गया है. जिन होटलों में पिछले सप्ताह सैलानियों की चहल-पहल से रौनक बनी हुई थी, वहां अब सन्नाटा पसर गया है.
इसका असर जिले के पर्यटन स्थल सोलंगनाला, रोहतांग दर्रा, मढ़ी, अटल टनल रोहतांग, गुलाबा, मणिकर्ण, खीरगंगा, कसोल, तीर्थन, जिभी, सोझा, जलोड़ी दर्रा, बाहू तथा रघुपुरगढ़ में सैर सपाटे को पहुंच रहे पर्यटकों में भारी कमी आई है.
मनाली होटल एसोसिएशन (Manali Hotel Association) के अध्यक्ष अनूप ठाकुर का कहना है कि बरसात के कारण अब पर्यटकों की भीड़ छंट गई है और इसका असर भी होटल कारोबार पर हो गया है. अनूप राम ठाकुर ने कहा कि पर्यटकों की कमी का सबसे ज्यादा नुकसान मनाली को हुआ है.
बरसात की वजह से सैलानियों ने मनाली आना कम कर दिया है. मनाली में ऑक्यूपेंसी अब 30 फीसदी तक रह गई है. गौर रहे कि होटल कारोबार से जुड़े लोगों को बरसात का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते होटल कारोबार से जुड़े कई लोग अब बेरोजगार भी हो गए हैं.
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