कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते जहां हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. वहीं, इससे हिमाचल प्रदेश पर्यटन सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा जो बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट गाड़ियों पर टैक्स बढ़ाया गया है. इससे भी बाहरी राज्यों से टूरिस्ट गाड़ियों के आवागमन में कमी आई है. जिला मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाली सड़क के हालात भी काफी खराब है. ऐसे में इन सब का असर जिला कुल्लू के पर्यटन कारोबार पर भी देखने को मिला है.
कुल्लू मनाली में घटा पर्यटकों का रुझान! मिली जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू में एक नवंबर से 22 नवंबर तक कुल्लू, मनाली, मणिकर्ण और रोहतांग टनल पर सिर्फ 33,033 गाड़ियों से ही पर्यटक पहुंचे हैं. जबकि बीते साल इसी माह में 50,571 गाड़ियों में पर्यटक कुल्लू आए थे. इससे पता चलता है कि नवंबर माह में सैलानियों का रुझान कुल्लू मनाली की ओर काफी कम रहा है. हालांकि रोहतांग दर्रा में नवंबर माह में ही बर्फबारी हुई और बर्फ देखने के लिए सैलानी बाहरी राज्यों से यहां आने लगे, लेकिन बीते साल की तुलना में नवंबर माह में सैलानियों की संख्या काफी कम है. जो की हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
पिछले साल से कुल्लू में कम आए टूरिस्ट पर्यटकों को नहीं लुभा पाई 40% छूट:वहीं, रोहतांग, मनाली और लाहौल घाटी में भी काफी कम टूरिस्ट आए हैं. इसके अलावा मणिकर्ण में भी बीते साल की तुलना में इस साल 8,643 टूरिस्ट गाड़ियां ही पहुंची हैं. हालांकि सैलानियों को लुभाने के लिए पर्यटन कारोबारी द्वारा बहुत सी चीजों में 40% तक छूट दी जा रही है, लेकिन उसके बाद भी सैलानी यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं.
नवंबर में कुल्लू जिले में आए टूरिस्ट वाहन: जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के कसोल में लगाए गए साडा बैरियर में नवंबर माह में साल 2022 में 11,337 टूरिस्ट गाड़ियां पहुंची थी और इस साल नवंबर माह में 2,694 टूरिस्ट गाड़ियां यहां पहुंची हैं. ग्रीन टैक्स बैरियर में बीते साल 13,670 पर्यटक वहां पहुंचे थे. वहीं, इस साल यह आंकड़ा 8,524 पर ही सिमट कर रह गया है. अटल टनल रोहतांग में बीते साल नवंबर माह में 25,564 वाहन आए थे, लेकिन इस साल नवंबर माह में 21,795 पर्यटक वाहनों ने ही अटल टनल का रुख किया है. ऐसे में इस साल 17,558 टूरिस्ट गाड़ियों की कमी भी दर्ज की गई है.
इन कारणों से प्रभावित हुआ कुल्लू पर्यटन: पर्यटन नगरी मनाली में साल 2022 में यहां पर 3 लाख 25 हजार 788 वाहन मनाली पहुंचे थे और जिला कुल्लू में 35 लाख से अधिक सैलानी ने जिला कुल्लू के विभिन्न पर्यटन स्थलों का रुख किया था. ऐसे में साल 2020 में कोरोना संकट के चलते जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था और 2021 में भी काफी कम सैलानी जिला कुल्लू पहुंचे थे. साल 2023 की अगर बात करें तो यहां पर जून माह तक सैलानियों की संख्या काफी अच्छी रही, लेकिन जुलाई व अगस्त माह में प्राकृतिक आपदा के चलते सड़कों को खासा नुकसान हुआ और यहां का पर्यटन कारोबार भी ठप हो गया. ऐसे में अब दिसंबर माह में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पर्यटन सीजन बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है.
कुल्लू में बर्फीली पहाड़ियों में घूमते पर्यटक मनाली के होटल कारोबारी निराश:मनाली के होटल कारोबारी जसवंत ठाकुर, अनिल कुमार, मोहन सिंह का कहना है कि प्राकृतिक आपदा के बाद जब घाटी की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, तो उस दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर अचानक से टैक्स बढ़ा दिया गया. इससे बाहरी राज्यों से सैलानियों की आवाजाही बिल्कुल रुक गई है और जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार के गलत फैसले के चलते सारे पर्यटक साथ लगते जम्मू कश्मीर व उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की ओर निकल गए. दोनों ही राज्यों में सैलानियों की संख्या अच्छी रही और वहां का पर्यटन कारोबार भी बेहतर रहा.
कुल्लू में बर्फ का आनंद लेते पर्यटक जुलाई माह में प्राकृतिक आपदा के चलते जिया से मणिकर्ण सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है. जिस कारण भी यहां पर सैलानियों की संख्या काफी कम रही है. अब सड़क मरम्मत के लिए केंद्र सरकार के द्वारा धनराशि की जारी की गई है और उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इस सड़क के मरम्मत के कार्य को पूरा करेगी, ताकि मणिकर्ण घाटी का कारोबार चल सके, - किशन ठाकुर, अध्यक्ष, मणिकर्ण होटल एसोसिएशन
मंडी-कुल्लू खराब सड़क बनी मुसीबत: पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि इसके अलावा मंडी से कुल्लू तक सड़क मार्ग अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है. मंडी के पंडोह में अभी भी वाहनों का जाम लग रह रहा है और कुल्लू से मनाली सड़क पर भी कहीं जगह पर टारिंग होनी है. सरकार को इस दिशा में अब जल्द ध्यान हो देना होगा, ताकि दिसंबर माह में बर्फ का दीदार करने के लिए बाहरी राज्यों से सैलानी कुल्लू मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पहुंच सके.
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