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मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी बने सवर्ण आयोग, क्षत्रिय महासभा ने उठाई मांग

मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी सवर्ण आयोग के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है. हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के इसके लिए रणनीति तैयार कर रही है. हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के ने इस आयोग के गठन के लिए अब भूख हड़ताल के साथ प्रदर्शन करने की रणनीति भी बनाई है.

KSHATRIYA MAHASABHA DEMANDS FOR SWARAN COMMISSION IN HIMACHAL PRADESH
मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी बने सवर्ण आयोग

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Published : Apr 9, 2021, 2:30 PM IST

कुल्लूः मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी आयोग के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है. हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के इसके लिए रणनीति तैयार कर रही है. हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के ने इस आयोग के गठन के लिए अब भूख हड़ताल के साथ प्रदर्शन करने की रणनीति भी बनाई है. जिला कुल्लू में क्षत्रिय महासभा ने बैठक भी आयोजित की.

हिमाचल प्रदेश में भी स्वर्ण आयोग के गठन की मांग

सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने कहा कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी सवर्ण आयोग के गठन के लिए को लेकर सवर्ण समाज में लोगों की मांग बढ़ती जा रही है. ऐसे में क्षत्रिय महासभा सवर्ण सामाजिक संगठनों से भी आग्रह करती है कि वे इस आयोग के गठन के लिए प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करें. जितेंद्र राजपूत का कहना है कि हालांकि क्षत्रिय महासभा ने भी इस गठन के लिए पहले ही प्रदेश सरकार से आग्रह किया था, लेकिन उन पर कोई गौर नहीं हो पाया है.

इसके चलते अब 12 अप्रैल से भूख हड़ताल भी शुरू की जाएगी और 3 दिन के बाद भूख हड़ताल में शामिल कोई भी सदस्य को जल को भी ग्रहण नहीं करेगा. इसके बाद भी अगर प्रदेश सरकार ने उनकी इस मांग पर गौर नहीं किया गया, तो 20 अप्रैल को शिमला में सभा के हजारों सदस्यों सचिवालय का घेराव करेंगे.

वीडियो.

आर्थिक आधार पर हो आरक्षण

जितेंद्र राजपूत का कहना है कि सवर्ण आयोग का गठन आज के दौर में इसलिए भी जरूरी हो गया है कि सवर्ण समाज के लोगों को समानता का अधिकार नहीं मिल पा रहा है. सरकार की योजनाएं अनुसूचित जाति के लोगों के लिए ही चलाई जा रही हैं. जबकि सरकार को अब जातिगत आरक्षण को छोड़कर आर्थिक आधार पर सभी लोगों को समान रूप से आरक्षण देना चाहिए, ताकि सवर्ण समाज में भी उपेक्षित व गरीब लोगों को सरकारी सहायता मिल सके. इस दौरान शिमला में आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि जिला कुल्लू से भी 500 लोग इस प्रदर्शन में भाग लेंगे.

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