कुल्लूः हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े जिले और जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पीति जोकि 6 से 7 महीने तक बर्फ से ढका रहता है. यहां पर सर्दियों में तापमान माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है. यहां पर रह रहे लोगों के लिए सबसे बड़ी किल्लत पानी की आपूर्ति की होती है. साथ में ही केलांग के आसपास भी प्राकृतिक जल स्त्रोत काफी कम हैं. ऐसे में पानी के लिए लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता है. इसके लिए प्रशासन की ओर से एंटी फ्रीज वाटर सप्लाई सिस्टम को अमलीजामा पहनाया जाएगा. इसके लिए 2.6 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इससे लाहौल स्पीति में अब पहली बार में 24 घंटे पीने के पानी की आपूर्ति होगी.
वहीं, लाहौल स्पीति के लिए एंटी फ्रीज वाटर सप्लाई सिस्टम योजना वरदान साबित होगी. इसके बाद जिले के अन्य हिस्सों में इसी तरह पानी पहुंचाने की भी योजना है. कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने इस प्रोजेक्ट को सफल अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार के समक्ष रखा और संबंधित अधिकारियों से समय-समय पर फीडबैक लेकर कार्य को गति देते रहे हैं.
सफल रहा ट्रायल
जल शक्ति विभाग की ओर से 24 घंटे पानी की आपूर्ति की योजना का ट्रायल केलांग में किया गया है. जल शक्ति विभाग ने जिला अस्पताल के लिए पानी की लाइन बिछाई है. जोकि जनवरी माह में बिछाई गई थी. यहां 200 मीटर पाइप जमीन के नीचे डेढ़ मीटर तक गहरी बिछाई गई है. जनवरी माह में बर्फबारी के बीच माइनस तापमान होने के बाद भी पानी की आपूर्ति की गई. ये ट्रायल के तौर पर किया गया था जोकि सफल रहा.
हर घर में होगा नल
हर घर हर नल योजना के तहत हर घर को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा. केलांग के सभी होटल, होम स्टे, रेस्ट हाउस आदि को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा. मेन पाइप से घर के भीतर तक पाइप लाइन का इन्सुलेटेड करने के लिए उपभोक्ता को स्वयं कार्य करवाना होगा. इसके लिए तकनीक जल शक्ति विभाग लोगों के साथ सांझा करेगा.
ऐसे बिछाई जाएगी पाइपें
नॉर्थ अमेरिका और यूरोप के कई देशों में सर्दियों में माइनस तापमान के बाद भी पानी की आपूर्ति होती है. इसी सिस्टम का अध्ययन करने के बाद जल शक्ति विभाग ने केलांग में विदेशी तकनीक पर पाइप लाइन बिछाने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत 1 मीटर से डेढ़ मीटर की गहराई पर पानी की पाइप की बिछाया जाएगा. ऐसे में पाइप को अतिरिक्त हीट की आवश्यकता भी नहीं रहेगी, जबकि कनेक्शन के लिए के जब फ्रीज प्वाइंट से उपर से कनेक्शन दिया जाएगा तो पाइप इन्सुलेटड होगी, जोकि पाइप में गर्मी को बनाए रखने में मदद करेगी ताकि पानी पाइप के भीतर न जमे. मुख्य स्त्रोत जोकि बिलिंग नाला है वहां से लेकर केलांग तक सारी पाइप लाइन जमीन के नीचे बिछाई जाएगी.