कुल्लू:हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर जहां बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं, शहरों में घूम रहे आवारा कुत्ते भी अब चिंता का विषय बने हुए हैं. शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगो को परेशान कर रही है.
हिमाचल प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने के चलते अस्पतालों में भी रेबीज के इंजेक्शन लगाने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो साल 2020 जनवरी से साल 2021 जनवरी तक 5 हजार 337 लोग आवारा कुत्तों का शिकार हुए हैं.
मरीजों को मुफ्त में सुविधा उपलब्ध
वहीं, जिला कुल्लू में 7 हजार 630 एंटी रेबीज वैक्सीन व रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए हैं. इसमें राहत की बात यह है कि दोनों ही इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और मरीजों को मुफ्त में यह सुविधा उपलब्ध है.
हर रोज 14 लोग आवारा कुत्तों का शिकार
जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी यह इंजेक्शन उपलब्ध है. जिला कुल्लू में औसत की बात की जाए तो हर रोज 14 लोग आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में उन्हें एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है कि कुत्ते ने मरीज को किस जगह पर काटा है और जहर की मात्रा कितनी है, लेकिन एंटी रेबीज का इंजेक्शन सभी मरीजों को लगाना अनिवार्य है.