कुल्लू: सनातन धर्म में हर मास में शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत का महत्तव है. ऐसे में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का व्रत 3 मई यानी आज बुधवार को मनाया जाएगा. इस व्रत को बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को सुख -समृद्धि का वरदान मिलता हैं. वहीं, भगवान शिव के मंत्रों के जाप से उन्हें असाध्य बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.
शुरू हो गई प्रदोष:पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 मई की रात 11:17 पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन 3 मई की रात 11:49 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार बुध प्रदोष व्रत 3 मई को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6:52 से लेकर 9:06 तक रहेगा. वैशाख मास के अंतिम त्रयोदशी के सीन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है.
इस समय बनेंगे शुभ योग:एक योग सर्वार्थ सिद्धि और दूसरा रवि योग होगा. सुबह 5:39 बजे से शुरू हो गया जो रात 8:56 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. रवि योग रात 8:56 से सुबह 5:08 तक रहेगा. मान्यता के अनुसार इन दोनों योग में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से मनोकामनाएं तो पूरी होती हैं, बल्कि सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.