कुल्लूः मनाली के सोलंगनाला स्थित अंजनी महादेव में दशकों बाद 35 फीट से भी ऊंचा प्राकृतिक शिवलिंग बन गया है. यह शिवलिंग अंजनीमहादेव में बह रहे झरने के पानी से बना है. तापमान माइनस में जाते ही यहां शिवलिंग का आकार बनना शुरू हो गया था और इन दिनों आकार 35 फीट से भी अधिक ऊंचा हो गया.
अंजनी महादेव से गिरता झरना बर्फ बनकर शिवलिंग का रूप धारण कर रहा है. हालांकि इसका आकार फरवरी तक ही बढ़ता था, लेकिन इस बार मार्च में भी तापमान माइनस में रहने से इसके आकार में बढ़ोतरी हो रही है.
शिवलिंग को देखने के लिए देशी-विदेशी सैलानियों के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. मनाली से 25 किलोमीटर दूर सोलंगनाला के पास अंजनी महादेव में यह प्राकृतिक शिवलिंग साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना है.
गौर रहे कि मनाली के पर्यटन स्थल अंजनी महादेव में इस बार भारी बर्फबारी हुई है, जिससे पर्यटन स्थल की वादियां बर्फ से लद गई हैं. इस साल यहां का तापमान लगातार दो महीने से माइनस में ही चल रहा है, जिससे अंजनी महादेव में शिवलिंग का आकार लगातार बढ़ रहा है. इस स्थान पर लगे बर्फ के ढेर व 35 फीट से अधिक ऊंची हो चुकी प्राकृतिक शिवलिंग अप्रैल, मई व जून में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगी.
मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति और मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव ने दर्शन दिए थे. तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है. इन दिनों यहां सैलानियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है, जो साल भर लगा रहेगा. मान्यता है इस शिवलिंग के दर्शन से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. श्री अमरनाथ बाबा बर्फानी से भी ज्यादा बड़ा व ऊंचा शिवलिंग यहां बन गया है.
एक ओर जहां बर्फ के ऊपर नंगे पांव पल भर के लिए खड़े होना कष्टदायक होता है, लेकिन पर्यटक व श्रद्धालु 100 मीटर की दूरी नंगे पांव तय करते हैं. इस सफर के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक होता है. अंजनी महादेव के दर्शन नंगे पांव चलकर किए जाते हैं और श्रद्धालुओं को यह बर्फ नुकसान नहीं पहुंचाती है. स्थानीय निवासी रूप लाल, शिव, भोला राम, पूर्ण और चंद्र ठाकुर का कहना है यह दैवीय चमत्कार ही है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं होता.