किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्रों मे से एक है. जिला किन्नौर जितना मशहूर अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता है, उतना ही अपनी खतरनाक सड़कों के लिए भी खबरों में बना रहता है. जिला किन्नौर के अधिकतर संपर्क मार्ग सकरें और तीखे मोड़ों से भरे हुए हैं.
जिला किन्नौर में पहाड़ियों की ढाल को काटकर सड़के बनाई गई हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से आज भी जिला के ग्रामीण सड़क सम्पर्क मार्गों पर क्रैश ब्रेरियर नहीं है. जिला में एनएच-5 पर तो लगभग सभी जगहों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग आज भी काल के ग्रास बने हुए हैं.
इन संपर्क मार्गों पर की है क्रैश बैरियर की मांग
जिला के कल्पा-रोघी सड़क सम्पर्क मार्ग, सांगला सम्पर्क मार्ग, काम्बा सड़क सम्पर्क मार्ग, तरांडा सड़क सम्पर्क मार्ग, रूपी सड़क मार्ग, भावा वेली सड़क मार्ग, पुरबनी, बारंग सड़क मार्ग व ऐसे कई और सड़क सम्पर्क मार्ग हैं, जहां पर हर वर्ष किसी न किसी रूप में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलती रहती है.
सड़क किनारे सुरक्षा के इंतजाम का अभाव
जिला के कल्पा के पूर्व प्रधान प्रवीण नेगी और स्थानीय ग्रामीण व्योम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिला किन्नौर के अधिकतर सड़क मार्गों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इन्तजाम नहीं है. हालांकि पंचायतों की ओर से कई बार सड़कों पर क्रैश बैरियर व दीवारों के लिए प्रस्ताव दिए गए. जिसके बाद कुछेक ब्लैक स्पॉट्स पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन अधिकतर सड़कें अभी भी असुरक्षित हैं.