धर्मशाला:हिमाचल में परवाणू के समीप टिंबर ट्रेल (Timber Trail accident Parwanoo) हादसे के बाद से यह सवाल उठने लगे हैं की प्रदेश में अन्य रोप-वे कितने सुरक्षित हैं. इसमें विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धर्मशाला का स्काई रोप-वे भी शामिल (Dharamshala Mcleodganj ropeway) है. ये रोप-वे पर्यटकों के साथ-साथ आम लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट का एक रोमांचक और सुगम साधन बन कर उभर रहा है. टाटा कंपनी के इस रोप-वे में सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं. यहां पहुंच रहे पर्यटक भी इस पर पूरा भरोसा जता रहे हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी महीने में शुरू हुए रोप-वे में अब तक करीब 1 लाख 25 हजार से अधिक लोग सफर कर चुके हैं.
टाटा रोपवे कि निदेशक नेहा पंडित का कहना है कि टाटा कंपनी द्वारा लगाए गए रोपवे आरामदायक ही नही सुरक्षा की दृष्टि से भी पूरी तरहं से मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टाटा कंपनी कुछ अन्य पर्यटक स्थलों पर भी रोपवे निर्माण के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा की टाटा कंपनी रोपवे की बड़ी योजनाओं पर कार्य करना चाहती हैं, लेकिन इससे पहले यह देखना बेहद जरुरी है की जो रोपवे पहले से स्थापित किए गए हैं, वे किस तरह से काम करते हैं. उन्होंने कहा की देश के कई क्षेंत्रों में भी टाटा द्वारा रोपवे का निर्माण करवाया जा रहा है.
रोप-वे बना पर्यटकों की पहली पसंद: उन्होंने कहा कि धर्मशाला से मैक्लोडगंज रोप-वे में अब तक एक लाख से अधिक पर्यटकों सफर का आनंद उठा चुके हैं. उन्होंने कहा कि यहां सुरक्षा के कड़े इंताजाम हैं और सुबह से शाम तक रोप-वे की निरंतर जांच की जाती है, ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोई चूक न हो. नेहा पंडित ने कहा कि रोपवे को सुबह से रात 8 बजे तक चलाया जाता है और रोप-वे की ट्रालियों को प्रकाशमय बनाया जा सके इस पर भी विचार किया जा रहा है.