हमीरपुर: मुख्यमंत्री सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र में डायरिया प्रभावित पेयजल योजनाओं के साथ ही अन्य स्वास्थ्य खंडों की योजनाओं का जल भी दूषित पाया गया है. स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर की जांच में यह खुलासा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर ने विभिन्न स्वास्थ्य खंडों के तहत संचालित योजनाओं के सैंपल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर स्थित लैब में भेजे थे. जांच में खुलासा हुआ है कि डायरिया प्रभावित पेयजल योजनाओं के साथ ही सुजानपुर, बड़सर और टौणीदेवी की पेयजल योजनाओं का पानी भी दूषित पाया गया है.
सैंपल की जांच में उपमंडल नादौन के तहत बहने वाली कुनाह खड्ड के पानी में घातक बैक्टीरिया मिला है. डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में हुई सैंपल टेस्टिंग में इस बात का खुलासा हुआ है. ऐसे में अब स्वास्थ्य महकमा जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को भेजने की तैयारी में है. जिसे शिमला भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि माइक्रोबायोलॉजी लैब में लगभग एक दर्जन पानी के सैंपल जांच के लिए लगाए गए हैं. नादौन के तहत आने वाले लगभग 45 गांवों तक पहुंचे डायरिया के प्रकोप के बाद विभिन्न जगहों से यह पानी के सैंपल एकत्रित किए गए थे.
विभाग रोजाना पानी में सैंपल भर रहा है. लगभग पांच से छह सैंपल की रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची है. इस पानी में घातक बैक्टीनिया मिला है, जोकि इंसान के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है. पानी में बैक्टीरिया मिलने के बाद अब रिपोर्ट निदेशक स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी. इसके बाद मामले में आगामी कार्रवाई होगी. वहीं, लगभग आधा दर्जन सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है. इन सैंपल की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है.
जाहिर है कि नादौन के तहत आने वाले क्षेत्रों में डायरिया फैला हुआ है. अब तक एक हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. लगभग 45 गांवों तक पहुंचे डायरिया ने पूरे प्रशासन की नींद उड़ा दी थी. जिला स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर क्षेत्रों से पानी के सैंपल भरे थे. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की चार ज्वाइंट टीमें भी क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण कर चुकी हैं. टीमों ने क्षेत्रों में जाकर साइंटिफिक स्टडी की है.