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टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल, घर-घर जाकर की जा रही लोगों की जांच

प्रदेश में टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग चंबा के फीमेल हेल्थ वर्कर व आशा वर्कर क्षय ग्रस्त रोगियों का घर द्वार जाकर उपचार कर रहें है. जानिए क्या है पूरा मामला.

Health department's initiative to get rid of TB in chamba
टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल

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Published : Nov 29, 2019, 3:32 PM IST

चंबा: केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के लक्ष्य को 2021 तक पूरा करने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग चंबा भी टीबी मुक्त अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग टीबी की रोकथाम के लिए कई प्रयास कर रहा है. मुख्यमंत्री रोग निवारण योजना के तहत 15 नवंबर से 30 नवंबर तक प्रदेश भर में टीबी मुक्त हिमाचल अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, चंबा जिला में इस अभियान ने पूरा जोर पकड़ा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के फीमेल हेल्थ वर्कर व आशा वर्कर इस दौरान विशेष रूप से क्षय ग्रस्त रोगियों की तलाश कर रहे हैं. जिससे उनका उपचार कर टीबी के संक्रमण से मुक्त किया जा सके.

वीडियो रिपोर्ट

आशा वर्कर्स ने जानकारी देते हुए बताया कि दवा सेवन करने वाले रोगियों को मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के तहत 500 की अनुदान राशि दी जा रही है. ईटीवी के साथ बातचीत के दौरान आशा वर्कर्स ने टीबी के लक्षणों की जानकारी भी दी.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश गुलेरिया ने बताया कि टीबी देश के लिए एक बहुत ही गंभीर सामाजिक समस्या है. इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने मार्च 2018 में यह घोषणा की थी कि पूरे भारतवर्ष को 2025 तक टीबी मुक्त करने का प्रयास किया जाएगा. राजेश गुलेरिया ने बताया कि उनमें से एक लाख 19 हजार लोगों को स्क्रीनिंग की जा चुकी है और 2500 के करीब उनके सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से करीब 44 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं.

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