शिमला: प्राचीन विरासत को सहजने का जिम्मा जिस भाषा कला एवं संस्कृति अकादमी को सरकार की ओर से दिया गया है उस अकादमी के पास विरासत को सहजने के लिए जगह ही नहीं है.
अकादमी का एक पुस्तकालय है जहां पर पुस्तकों को सहज कर रखा जाता है. यह पुस्तकालय निजी भवन के दो कमरों में चल रहा है जहां न किताबों को सही रखने की जगह है और ना ही वहां छात्रों को बैठकर पढ़ने की सुविधा है. प्रदेश के बाहरी राज्यों से भी शोधार्थी यहां आकर रिसर्च करते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए भी छात्र इस पुस्तकालय में आते हैं.
इस पुस्तकालय में वैसे तो ऐतिहासिक विरासतों का अपार भंडार है लेकिन इन्हें किन हालातों में रखा जा रहा है इसकी सुध किसी को नहीं हैं. पुस्तकालय में जगह कम है और किताबें अधिक ऐसे में इन्हें सलीके से रख पाना भी मुश्किल हैं.