शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाको में हो रही बारिश ने जंहा किसानों को राहत दी है, वहीं, इस बारिश ने बागवानों पर कहर ढाया है. पिछले दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश कई जगह लोगों के लिए आफत बनकर आई है. ऊंचे क्षेत्र में आंधी-तूफान से बागवानों के पेड़ों में लगे फलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
शिमला जिला के ठियोग की भराना पंचायत में बीते शाम हुई जोरदार बारिश और तूफान ने सेब की फसल को तबाह कर दिया है. भराना पंचायत के कई गावों में भयंकर तूफान ने सेब के पौधों का भारी नुकसान पहुंचाया है. ये हाल सिर्फ ठियोग में ही नहीं है बल्कि प्रदेश के बाकि जिलों में भी बारिश ने सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है.
बारिश के साथ चली आंधी और तूफान से बगीचों में झड़कर सेब के ढेर लग गए हैं. जिससे सेब के पौधे कई जगह बिलकुल खाली ही हो गए हैं, जिससे बागवानों के होश उड़े हुए हैं. यही नहीं तूफान का कहर सेब के पौधों में ओलावृष्टि से बचने के लिए लगाए गए एंटी हेल नेट पर भी बरपा.
तूफान से सेब के पौधों पर लगाई जालियां (एंटी हेल नेट) हवा में उड़ गईं और अपने साथ सेब की फसल और टहनीयों को भी उखाड़ कर ले गई. सेब के पौधों में लगाए गए बांस के डंडे पूरी तरह बीच से ही चटक गए, जालियां सेब की फसल को तबाह करती हुई पेड़ों से दूर उड़ गई.
बारिश के साथ आई ऐसी आपदा से बागवान बेहद परेशान हैं. बागवानों की साल भर की कमाई पल भर में तबाह हो गई है. बागवानों ने सरकार से ऐसी आपदा की घड़ी में मदद की गुहार लगाई है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बागवानी जीडीपी का एक मुख्य क्षेत्र है. हर साल चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सेब की फसल हिमाचल में पैदा होती है.