बिलासपुर: डेंटल डॉक्टर्स ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक घुमारवीं में आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण राणा द्वारा की गई. बैठक में एसोसिएशन की कई मांगों को लेकर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी कर्मचारी का कार्य भी डेंटल डॉक्टर्स स्वयं कर रहे हैं.
प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण राणा एवं सहसचिव डॉ. प्रशांत आचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में डेंटल डॉक्टर्स के कुल पद 315 जबकि डेंटल असिस्टेंट मात्र 40 कार्यरत हैं. इसके अलावा सीएचसी दर्जे के अस्पतालों में डेंटल डॉक्टर्स की पोस्टें ही स्वीकृत नहीं हैं. जिस कारण डेंटल डॉक्टरों की कमी के चलते सरकार के द्वारा आरंभ की गई मुस्कान एवं अन्य योजनाओं को आम जनता तक पहुंचा पाना स्वास्थ्य विभाग को टेढ़ी खीर के समान बना हुआ है.
बात यहीं पर ही समाप्त नहीं होती है वहीं, स्वास्थ्य विभाग समय पर अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को आवश्यकतानुसार समान पहुंचाने में विफल रहा है. जिस कारण डेंटल डॉक्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर्स ऑफिसर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश में शीघ्र सीएचसी दर्जे के अस्पतालों में डेंटल डॉक्टर्स के साथ एक-एक डेंटल असिस्टेंट कर्मचारी के पद भी सृजित किए जाएं.
डॉ. अरुण राणा ने कहा कि जिला डेंटल ऑफिसर की पोस्ट का सृजन होने से जिला के डेंटल सर्जन की परफॉर्मेंस की समय-समय पर समीक्षा की जा सकेगी और नेशनल प्रोग्राम को प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि करीब दो सालों से कोई भी एमओ डेंटल की पोस्ट नहीं भरी गई, जबकि मुख्यमंत्री द्वारा हर पीएचसी स्तर पर दंत चिकित्सक की पोस्ट भरने का आश्वासन दिया था. इसके लिए विभाग ने भी प्रस्ताव दिया था. दंत स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी रूप से लागू हो सके.
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