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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनी अन्नपूर्णा, नौनिहालों को घर द्वार पर पहुंचा रही राशन

कोरोना वायरस के दौरान आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले नौनिहालों को अब घर पर ही डाइट पहुंचाई जा रही है. बिलासपुर जिला के सभी कंद्रों में उपस्थित नौनिहालों के लिए राशन दिया हुआ है, ताकि घर में रहते हुए वह अपने शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बने रहे.

Anganwadi workers are delivering rations to children at home
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Published : Sep 5, 2020, 5:42 PM IST

बिलासपुर:महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग नौनिहालों के स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सजग है. वैसे तो कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्र बंद किए गए हैं, लेकिन इन केंद्रों में पढ़ने वाले सभी नौनिहालों के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हर महीने पोषाहार इनके परिजनों तक पहुंचा रही हैं.

हर महीने की पहली तारिख को परिजनों को बुलाकर आंगनवाड़ी केंद्रों में राशन वितरित किया जाता हैं. जो असमर्थ हैं, उनके घर तक राशन पहुंचाया जाता है. कुल मिलाकर बात की जाए तो अभी तक विभाग ने बिलासपुर जिला के सभी कंद्रों में उपस्थित नौनिहालों के लिए राशन दिया हुआ है, ताकि घर में रहते हुए वह शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बने रहें.

वीडियो रिपोर्ट.

नौनिहालों को अब घर पर ही डाइट पहुंचाई जा रही है, जिसमें ओट्स, पंजीरी, बिस्कुट, राजमा, चावल, दलिया, स्वीट, काले चने, सेमियां को शामिल किया गया है. यह डाइट प्रतिमाह दी जाती है.

विभागीय आंकड़ों की बात करें तो बिलासपुर जिला में कुल 1,111 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें 29,219 नौनिहाल हैं. साथ ही इन बच्चों की सारी देखभाल एक हजार से अधिक आंगनबाड़ी वकर्ज व हेल्पर कर रही है.

आंगनवाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को करवाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई

स्कूलों की तर्ज पर अब आंगनवाड़ी केंद्रों में भी नौनिहालों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाती है. प्रतिदिन सुबह के समय परिजनों के व्हाट्स ऐप पर एक लिंक भेजा जाता है. इस लिंक में बच्चों के लिए डाइंग, खेल, गाने, प्रतियोगिताएं शामिल की गई हैं. जिसे बच्चे घर बैठे ही परिजनों की मदद से यह कार्य कर रहे हैं.

घर द्वार पर किताबें पहुंचा रहा विभाग

वर्तमान में जिला के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए किताबें भी पहुंच चुकी हैं. यह किताबें उम्र के हिसाब से आई हुई हैं. वहीं, इन किताबों को घर द्वार तक पहुंचाने के लिए विभाग का जिम्मा है. आंगनवाड़ी वकर्ज स्वयं यह किताबें बच्चों को घर तक छोड़ने जा रही हैं, जिससे घर बैठे बच्चे इन किताबों को पढ़कर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें.

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