अब हिमाचल के किसान हवा और पानी से ही कर सकेंगे खेती, मिट्टी और जमीन की नहीं पड़ेगी जरूरत!
लगातार बढ़ती जनसंख्या और सिकुड़ती खेती के बीच वैज्ञानिक समुदाय ने भविष्य में खेती के नए मॉडल पर काम करना तेज गति से शुरू कर दिया है. कम जगह पर ज्यादा पैसा कमाने वाली तरकीब निकाली जा रही है. इसके साथ ही मिट्टी की लगातार गिरती गुणवत्ता और उससे जनित रोगों को देखते हुए पिछले कुछ सालों में भारत में खेती की नई-नई तकनीकें सामने आई हैं. आजकल छत और बालकनी या किसी (Soilless Farming or Micro Irrigation) भी सीमित जगह का इस्तेमाल कर फल और सब्जियों को उगाने का चलन बढ़ा है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
पीजीआई में दो और महिलाओं ने तोड़ा दम, पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट कांड में मरने वालों की संख्या पहुंची 11
ऊना में अवैध पटाखा फैक्ट्री (Illegal cracker factory in Una) में हुए विस्फोट मामले में (Una cracker factory blast case) मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. आग में झुलसी पीजीआई में उपचराधीन एक और महिला की मौत हो गई है. जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. पिछले 24 घंटों में इस हादसे से जुड़ी यह दूसरी मौत है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
कैसे होगा कर्ज के मर्ज का इलाज, क्या जयराम सरकार के पास है कोई जादुई छड़ी?
हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य पर कर्ज का बोझ काफी (Debt burden on Himachal Government) बड़ा है. हिमाचल इस समय 62 हजार करोड़ रुपये सें भी अधिक के कर्ज में डूबा है और दूसरी ओर कर्ज क बोझ लगातार बढ़ रहा है. इस बीच, कांग्रेस और भाजपा की सरकारें बारी-बारी सत्तासीन हुई, लेकिन किसी भी सरकार के पास कर्ज से निपटने की कोई जादुई छड़ी नहीं पाई गई. अब 4 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेंगे. ऐसे में फिर से ये सवाल तैर रहा है कि क्या सीएम जयराम ठाकुर इस बजट में कोई जादुई छड़ी लेकर आएंगे?यहां पढ़ें पूरी खबर...
देवताओं-भूत पिशाचों संग नाहन में निकली भगवान शिव की बारात, देखते ही बना नजारा
महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष में रविवार दोपहर जिला मुख्यालय नाहन में देवी-देवताओं, भूत-पिशाचों संग भगवान शिव की बारात निकाली गई. बैंड-बाजे सहित धूमधाम से आयोजित भगवान शंकर की इस बारात में बच्चे भूत-पिशाचों की पोशाकों में जमकर थिरकते नजर आए. भगवान शिव की बारात को लेकर निकाली इस शोभायात्रा को आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न झाकियां निकाली गई. बैंड बाजे के साथ इस बीच पहाड़ी वाद्य यंत्र भी आकर्षण का केंद्र बने. यहां पढ़ें पूरी खबर...
नाहन में अंतिम सफर भी सुखकारी नहीं, चिता जलाने के लिए घंटों की जद्दोजहद
जिला मुख्यालय नाहन में अंतिम सफर भी चैन से नसीब नहीं हो रहा है, क्योंकि स्थानीय मोक्षधाम में चिता जलाने के लिए परिजनों को घंटों की जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इसका बड़ा कारण मोक्ष धाम में सूखी लकड़ियों का न होना है. नगर परिषद नाहन की लापरवाही का खुलासा उस वक्त हुआ, जब शहर की एक महिला की मौत के बाद उसके शव को अंत्येष्टि के लिए मोक्ष धाम लाया गया, तो परिजनों को यहां महिला के अंतिम संस्कार के लिए गीली (problem of wood in bankuwala mokshadham) लकड़ियां उपलब्ध हुई. यहां पढ़ें पूरी खबर...