सोलन: देश को आजाद हुए 75 साल हो (indian independence day) चुके हैं और इस वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है. इसी के तहत सोलन जिले के बद्दी में भी मृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्रे विश्वानाथ आर्लेकर ने विशेष रूप से शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अमृत काल का साक्षी बना है. हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में हमें किस दिशा में जाना है और राष्ट्र के विकास में हमारा क्या योगदान हो सकता है. राज्यपाल आज सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र के बद्दी में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
राज्यपाल ने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान हमें अपने अतीत को भी याद (Rajendra Vishwanath Arlekar visit Baddi) करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों सहित विदेशी आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति, परंपराओं और शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाया और हमारे पूर्वज उस समय आजादी के बारे में शायद सोच भी नहीं सकते थे. उन्होंने कहा कि देश को आजाद करवाने के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों ने अपने प्राणों की आहुति दी और ऐसे में हमें इस आजादी का महत्व समझने की आवश्यकता है. राज्यपाल ने देश के बंटवारे की पीड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास में इस दुःखद घटना को याद रखने की जरूरत है.
राज्यपाल राजेंद्रे विश्वानाथ आर्लेकर ने (Himachal Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) कहा कि हमें उन सभी बलिदानियों को याद करना होगा, जिनके कारण हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम में शामिल होकर हम अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर सकते हैं. यह अभियान किसी पार्टी या संगठन का नहीं बल्कि पूरे देश का है और इसी लिए हम सभी इस अभियान से जुड़े हैं. उन्होंने लोगों से अमृत काल में स्वदेशी अपनाने का भी आह्वान किया. राज्यपाल ने कंपनी के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों और अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को भी पुरस्कृत किया.