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शिमला जिला नियोजन और 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक, 9 करोड़ बजट अनुमोदित

शिमला जिला नियोजन एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन शुक्रवार को शिमला बचत भवन में किया गया. जहां शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज इस बैठक में मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की विकास की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहयोग प्रदान कर रही है.

Shimla district planning and 20 point program review meeting
शिमला जिला नियोजन और 20 सुत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक

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Published : May 6, 2022, 10:14 PM IST

शिमला:शिमला जिला नियोजन एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन (20 point program review meeting) शुक्रवार को शिमला बचत भवन में किया गया. जहां शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज इस बैठक में मौजूद रहे. बैठक में नियोजन और 20 सुत्रीय कार्यक्रम के तहत विकेन्द्रीकृत घटक योजना, पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना, मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना तथा विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के पहली तिमाही के लिए 9 करोड़ एक लाख रुपये के बजट को अनुमोदित किया गया.


शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने (Shimla district planning and 20 point program review meeting) बताया कि गरीबी उन्मूलन कर लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाने के लिए योजनाबद्ध आर्थिक विकास अत्यंत आवश्यक है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की विकास की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहयोग प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, आवास, पीने की पानी की उपलब्धता, खाद्य, सड़क एवं पर्यावरण सुरक्षा 20 सूत्रीय कार्यक्रम का अहम भाग है.


उन्होंने बताया कि (Urban Minister Suresh Bhardwaj) कोरोना महामारी के कारण विगत वर्षों में बैठक संभव नहीं हो पाई. उन्होंने विकेन्द्रीकृत घटक योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 8 करोड़ 38 लाख 24 हजार, 2019-20 में 10 करोड़ 98 लाख 50 हजार, 2020-21 में 11 करोड़ 99 लाख 26 हजार तथा 2021-22 में 13 करोड़ 15 लाख 88 हजार के बजट को भी अनुमोदित किया. पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में 9 करोड़ 2 लाख, वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ 4 लाख, वर्ष 2020-21 में 11 करोड़ 88 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 12 करोड़ 32 लाख रुपये के बजट का अनुमोदन किया गया.

मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 72 लाख, वर्ष 2019-20 में 78 लाख, वर्ष 2020-21 में 87 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 95 लाख रुपये का बजट अनुमोदित किया गया. वहीं, विकास में जन सहयोग योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-19 में 3 करोड़ 17 लाख, वर्ष 2019-20 में 3 करोड़ 3 लाख, वर्ष 2020-21 में 3 करोड़ 36 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 6 करोड़ 70 लाख रुपये का बजट अनुमोदित किया गया है.


उन्होंने कहा कि विकेन्द्रीकृत घटक योजना, पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना, मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना तथा विकास में जन सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 4 हजार 931 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें से अब तक 1 हजार 771 योजनाओं का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष योजनाओं का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 121234, वर्ष 2019-20 में 124915, वर्ष 2020-21 में 133245 तथा वर्ष 2021-22 में 142689 जाॅब कार्ड बनाए गए.

इसी योजना के तहत रोजगार सृजन में वर्ष 2018-19 में 2051182, वर्ष 2019-20 में 2071768, वर्ष 2020-21 में 3378660 तथा वर्ष 2021-22 में 4102946 कार्य दिवस सृजित किए गए. मनरेगा के तहत वर्ष 2018-19 में 38 करोड़ 57 लाख 78 हजार रुपये, वर्ष 2019-20 में 38 करोड़ 31 लाख 75 हजार रुपये, वर्ष 2020-21 में 66 करोड़ 68 लाख 94 हजार रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 82 करोड़ 12 लाख रुपये जाॅब कार्ड धारकों को दिए गए.


उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत अनुसूचित जाति के (Urban Minister Suresh Bhardwaj) परिवारों के लिए रोजगार सृजन के कार्यों की अधिकारी पुनः समीक्षा करें. उन्होंने नगर परिषद ठियोग, रामपुर, रोहड़ू व नगर पंचायत नारकंडा, जुब्बल, कोटखाई, सुन्नी, चैपाल, नेरवा तथा चिढ़गांव में राष्ट्रीय आजीविका मिशन व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों का भी जायजा लिया. उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन के उपरांत सम्पूर्ण राशि खर्च करने वाला पहला राज्य बन कर उभरा है. उन्होंने जल शक्ति विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के संबंध में चर्चा की.


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ नर्स व सफाई कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में सम्पूर्ण आंकड़े जुटा कर सूचित करने के निर्देश दिए. उन्होंने चार वर्षों के दौरान संस्थागत प्रसव व अन्य विकास कार्यों का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग के तहत अनुसूचित जाति घटक के तहत एंटी हेलनेट उपदान के लिए 2 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर 515 लाभार्थियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान लाभान्वित किया गया. उन्होंने बताया कि विश्व बैंक के तहत 24 करोड़ रुपये की राशि 45 समूहों को सिंचाई व नई तकनीक के साथ पौधा रोपण के लिए आवंटित किए गए, जिससे 10 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं.

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