शिमलाःसाउथ इस्ट एशिया का पहला सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक शिमला के आधुनिकीकरण की योजना कई सालों से अधर में अटकी पड़ी है. इस बार इस प्रोजेक्ट को आगे भी बढ़ाया गया था और टेंडर भी किए गए थे, लेकिन कोविड की वजह से काम आगे नहीं बढ़ पाया.
इस कार्य को पूरा करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक की ओर से 18 करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई है, लेकिन अभी तक कार्य ही रिंक में शुरू नहीं हो पाया है. एडीबी की राशि में से 8 करोड़ की पहली ग्रांट भी राज्य पर्यटन विभाग को मिल चुकी है लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है और इसके लिए कोविड के कारण बताए जा रहे हैं.
शिमला का आइस स्केटिंग रिंक का नजारा कोविड-19 के चलते तकनीकी दल साइट पर नहीं जा पाए और ना ही बोली लगाने वाले आ पाए है. ऐसे में 8 करोड़ की जो किस्त जारी की गई थी, वह भी लैप्स हो गई है. बजट लेप्स होने की वजह से यह प्रोजेक्ट एक बार फिर से लटक गया है और कब यह दोबारा से रिवाइज होगा, इसके लिए भी अभी इंतजार करना होगा.
हालांकि आइस स्केटिंग रिंक क्लब के अधिकारी इस बात को लेकर प्रयासरत है कि सरकार के समक्ष दोबारा से इस मामले को उठाया जाए जिससे कि ब्रिटिशकालीन समय के इस आइस स्केटिंग रिंक का आधुनिकीकरण किया जा सकें और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा सके.
आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग करते हुए लोग. 'प्रदेश सरकार के सामने उठाया जाएगा मामला'
आइस स्केटिंग क्लब के सदस्य सुदीप महाजन ने बताया कि आइस स्केटिंग रिंक के आधुनिकीकरण के लिए 12 करोड़ की राशि एडीबी और 6 करोड़ की राशि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मंजूर हुई है. इसमें से 8 करोड़ की पहली किस्त भी जारी हुई थी लेकिन कोविड कि वजह से टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई. अब दोबारा से इस प्रोजेक्ट को रिवाइज करवाने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष यह मामला रखा जाएगा.
रिंक में रेफ्रिजरेशन प्लांट लगाने की है योजना
बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक का कायाकल्प किया जाना है और इस रिंक को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा. प्रोजेक्ट के तहत आइस स्केटिंग रिंक के विस्तार के साथ ही भव्य इमारत तैयार की जाएगी. वहीं, यहां पर गाड़ियों की पार्किंग के लिए अंडर ग्राउंड पार्किंग बनाई जाएंगी. रिंक में रेफ्रिजरेशन प्लांट लगाया जाएगा, जिसकी मदद से इस रिंक में खराब मौसम के दौरान भी स्केटर्स स्केटिंग का लुफ्त उठा सकेंगे.
1920 में अंग्रेजों ने किया था रिंक का निर्माण
शिमला के लक्कड़ बाजार स्थित आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण 1920 में अंग्रेजों ने किया था. उस समय से आज के समय तक इस रिंक में प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है. सर्दियों के समय में मैदान में पानी डाला जाता है जो तापमान में होने वाली गिरावट के चलते जम जाता है और एक मोटी परत बर्फ की मैदान पर तैयार होती है जिस पर स्केटिंग की जाती है.
आज भी इसी प्रक्रिया से इस रिंक में बर्फ जमाई जा रही है, लेकिन मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते पिछले दो-तीन सालों से इस रिंक में बर्फ जमाने को लेकर दिक्कतें पेश आ रही हैं. यही वजह है कि यहां पर स्केटिंग के सेशन घटते जा रहे हैं. रिंक की लोकप्रियता को देखते हुए इसके आधुनिकीरण की योजना तैयार की गई थी जो अभी तक अधर में ही अटकी हुई है.
राजनेताओं और अभिनेताओं ने भी इस रिंक में उठाया है स्केटिंग का लुत्फ
गौरतलब है कि शिमला की आइस स्केटिंग रिंक में इंडोनेशिया के मार्शल टीटो, बेनजीर भुट्टो, राजीव गांधी, संजय गांधी और मशहूर अभिनेता राजकुमार भी स्केटिंग कर चुके हैं. इसके अलावा शम्मी कपूर की जंगली, मनोज कुमार की "वह कौन थी" और विनोद खन्ना की "हम तुम" फिल्म की शूटिंग भी स्केटिंग रिंक में हुई थी.
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