शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला का जाखू मंदिर बहुत मशहूर है. ये मंदिर हनुमान का है. ये मंदिर इस वजह से भी ज्यादा खास है क्योंकि इसका कनेक्शन त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है. जाखू मंदिर का त्रेतायुग से जुड़ा कनेक्शन तो हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन इतना जरूर बता दें कि इस मंदिर को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. जाखू मंदिर जाखू पहाड़ी पर स्थित है. इसका नाम यक्ष ऋषि के नाम पर पड़ा. यक्ष से इसका नाम याक, याक से याकू और याकू से जाखू तक इसका नाम बदलता गया.
मान्यता है कि जब लक्ष्मण राम-रावण युद्ध के दौरान मूर्छित हो गए थे तब हनुमान ही उनके प्राणों की रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लाए थे. इस संजीवनी बूटी को लाने के लिए वो हिमालय की ओर आकाश से जा रहे थे. तभी हनुमान की नजर यक्ष ऋषि पर पड़ी. यक्ष ऋषि से संजीवनी बूटी के बारी में जानकारी ली और विश्राम किया. इसके बाद उन्होंने यक्ष ऋषि को वचन दिया था कि वो लौटते वक्त उनसे जरूर मिलेंगे. रास्ते में हनुमान जी को कालनेमि नामक राशक्ष का सामना करना पड़ा.
इस राक्षस को मात देने के बाद समय के अभाव के चलते हनुमान अयोध्या की ओर छोटे मार्ग से चले गए. हनुमान जब यक्ष ऋषि से मिलने नहीं पहुंते तो वो व्याकुल हो गए. ऋषि को इतना व्याकुल देख हनुमान ने उन्हें दर्शन दिए. जिसके बाद यक्ष ऋषि ने यहीं पर हनुमान जी का मंदिर बनवाया.