शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली से लेकर बारहवीं तक सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला ले लिया है. सोमवार को आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि 10 नवम्बर से तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं भी लगेंगी, जबकि 15 नवम्बर से पहली व दूसरी की कक्षाएं लगनी भी शुरू हो जाएगी.
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने का सरकार का फैसला कितना सही है और कितना गलत यह तय कर पाना मुश्किल है. वहीं, कोरोना का खतरा बच्चों के लिए कितना है इसको लेकर ईटीवी भारत ने आईजीएमसी के चिल्ड्रेन ओपीडी (Children OPD of IGMC) में विशेषज्ञ डॉक्टरों (specialist doctors) से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल खुलने से बच्चों में कोरोना का खतरा तो है ही, लेकिन अगर सावधानी बरतें तो संक्रमण से बचा जा सकता है.
इस संबंध में डॉक्टर अभिनंदन (Dr. Abhinandan) ने बताया कि स्कूल खुलने का फैसला अच्छा है, लेकिन बच्चों का कोरोना से बचाव करने के लिए कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है. सभी बच्चों को ध्यान रखना होगा कि सामाजिक दूरी बनाएं रखें, मास्क पहन कर रखें और यदि बच्चों को खांसी, सर्दी जुकाम हो तो अभिभावक बच्चों को स्कूल न भेजें और तुरन्त अस्पताल में चेक करवाएं. उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में आईसीएमआर द्वारा छोटे बच्चों पर सर्वे करवाया गया था, जिसमें यह सामने आया है कि 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग है और ऐसे में बच्चों पर कोरोना का इतना फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अब कोरोना धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है.