शिमला: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह को पार्टी की संसदीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया है. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में (Congress Parliamentary Working Committee) अधिसूचना जारी की है.
कांग्रेस संसदीय कार्य समिति में कुल 26 पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. इसमें सचिव तीन, एक कोषाध्यक्ष और 22 कार्यकारी सदस्य नियुक्त किए गए हैं. इनमें प्रतिभा सिंह का (Pratibha Singh Appointed Member) नाम भी शामिल है.
वहीं, खुद प्रतिभा सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य ने भी सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर किया है. उन्होंने मंडी लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह को कांग्रेस संसदीय कार्यसमिति लोकसभा का सदस्य (Congress Parliamentary Working Committee) मनोनीत करने पर हार्दिक शुभकामनाएं दी है.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा (Political journey of Pratibha Singh) पांचवीं बार मैदान में उतरी थीं. इससे पहले उन्हें दो बार जीत और दो बार हार मिली है. पहली जीत उन्हें 2004 के आम चुनाव व दूसरी 2013 के उपचुनाव में मिली थी. मंडी संसदीय क्षेत्र उनके परिवार की कर्मभूमि रही है.
उनके पति पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 1971 में मंडी संसदीय क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था. यहीं से चुनाव लड़कर वह केंद्र में मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. प्रतिभा सिंह 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं. पहला चुनाव इसी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था, जब भाजपा के महेश्वर सिंह ने उन्हें करीब सवा लाख मतों से पराजित किया था. महेश्वर सिंह उनके समधी हैं. 1998 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी. सरकार 13 माह ही चल पाई थी. 1999 में लोकसभा का दोबारा चुनाव हुआ था. प्रतिभा सिंह ने यह चुनाव नहीं लड़ा था.
2004 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार (Political journey of Pratibha Singh) अपनी किस्मत आजमाई थी. समधी महेश्वर सिंह से 1998 की हार का बदला लेकर वह पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई थी. 2009 का लोकसभा चुनाव उनके वीरभद्र सिंह ने लड़ा था. 2012 में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था. 2013 में उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा तीसरी बार मैदान में उतरी.
वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को करीब 1.39 लाख मतों से शिकस्त देकर दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई थी. इसके साल भर बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था. मोदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था. प्रदेश में उस समय कांग्रेस सरकार थी. प्रतिभा सिंह की हार से सब दंग रह गए थे. करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरी थीं.
ये भी पढ़ें :RSS सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं है: मोहन भागवत