शिमला: राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल में ही भाजपा को खुलेआम विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है. जुब्बल कोटखाई से भाजपा के बागी चेतन बरागटा के समर्थन में पूरे मंडल का खुलेआम इस्तीफा इसका स्पष्ट उदाहरण है. गौर करने वाली बात यह कि इससे पहले जुब्बल कोटखाई में महिला मोर्चा से जुड़ी पदाधिकारियों ने भी त्याग पत्र दे दिए हैं. टिकट आवंटन से खफा अर्की और फतेहपुर में भी नेता पार्टी हाईकमान और प्रदेश नेतृत्व से सरेआम नाराजगी जता चुके हैं और चुनाव प्रचार में साथ चलने के आग्रह को भी नकार चुके हैं.
हिमाचल भाजपा में विद्रोह की यह स्थिति इसलिए गंभीर मानी जा रही है क्योंकि टिकट आवंटन पर अंतिम मंजूरी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ही रही है और वो हिमाचल के संगठन और इन सभी नेताओं को भली-भांति जानते हैं. संगठन और अनुशासन का दम भरने वाली बीजेपी में इन दिनों दोनों की भारी कमी देखी जा रही है. बीजेपी संगठन के नाम पर खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी मानती है, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के गृह राज्य में ही हालत ऐसी हो गई है कि जुब्बल-कोटखाई में पूरे मंडल ने ही सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया है. लोगों में आक्रोश के चलते नामांकन भरने के इतने दिन बीत जाने के बाद भी न तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और ना ही मुख्यमंत्री जुब्बल-कोटखाई में प्रचार प्रसार को जा रहे हैं.
अनुशासन की बात करें तो फतेहपुर में भी हालात इसी प्रकार के हैं मंडल के सदस्य पूर्व प्रत्याशी कृपाल परमार को टिकट नहीं मिलने से खफा हैं और अधिकांश ने खुद को पार्टी के कार्यों से अलग कर लिया है. कृपाल परमार ने सोशल मीडिया में भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा के ट्वीट पर खुले तौर पर तंज कसते हुए 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर चुनौती पेश कर दी है. तीसरी विधानसभा सीट अर्की पर चुनाव हो रहे हैं वहां पर भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व में एमएलए रहे गोविंद राम शर्मा ने भी मीडिया के समक्ष आकर स्पष्ट कह दिया है कि वो अर्की में भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे. उन्होंने खुद को पार्टी के कार्यों से अलग कर लिया है और फिलहाल उपचुनावों के शोरगुल से दूर मॉलरोड पर सैर का आनंद ले रहे हैं. मंडी लोकसभा सीट पर टिकट आवंटन के बाद सबसे बड़ा झटका पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को लगा है. उन्हें भी भाजपा में अपना राजनीतिक सफर आसान नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके चलते वो भी मजबूरी में ही पार्टी के साथ चलते दिखाई दे रहे हैं. इन सब नेताओं की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी व्यक्तिगत तौर संपर्क हैं.
उपचुनाव की दृष्टि से जुब्बल-कोटखाई की बात करें तो यहां भाजपा मंडल के अध्यक्ष गोपाल जबैइक व मंडल के तमाम पदाधिकारियों व कार्यसमिति के सदस्यों ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है. उपचुनाव में पार्टी के चेतन बरागटा को टिकट से महरूम रखने से खफा मंडल भाजपा पदाधिकारियों ने त्यागपत्र दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अजय श्याम को जुब्बल कोटखाई मंडल भाजपा अध्यक्ष के माध्यम से त्याग पत्र मिला है. इसके अलावा कुछ पदाधिकारियों के इस्तीफे भी मिले हैं. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को इसे लेकर अवगत करवा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता के जाने से पार्टी को नुकसान तो होता है, लेकिन किन्हीं कारणों से अगर इस्तीफा दे दिया है तो अब पार्टी जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन करेगी. इसके अलावा जुब्बल-कोटखाई में पार्टी का पन्ना प्रमुख तक पूरा सिस्टम कार्य कर रहा है. किसी ने इस्तीफे नहीं दिए हैं. सभी उसी प्रकार पार्टी उम्मीदवार के लिए कार्य कर रहे हैं. विनोद ठाकुर ने कहा कि नीलम सरइक जोकि भाजपा की उम्मीदवार हैं उनके साथ पूरी पार्टी मिलकर कार्य कर रही है.