शिमलाः प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में घमासान मचा हुआ है. पार्टी के आला नेताओं के फरमान पर मंडल की कार्यकारणी के पदाधिकारियों की ताजपोशी हो रही है. जिससे पार्टी में आंतरिक विद्रोह जैसी स्थिति बन गई है. इसी घमासान के कारण पार्टी को मंडल के चुनावों की तारीख पांच नवंबर तक बढ़ानी पड़ी है.
हालांकि चुनाव के तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के 73 मंडलों के चुनाव 31 अक्टूबर तक पूरे किए जाने थे, लेकिन अभी तक केवल करीब 50 मंडलों के ही चुनाव हुए हैं और यहां भी विद्रोह की स्थिति बनी हुई है. रोहड़ू में पार्टी के आला नेताओं के फरमानों का विरोध करने वाले रोहड़ू भाजपा के आधा दर्जन पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
बाहर किए लोगों में अधिकांश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के रिलेटिव बताए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी रही शशि बाला के खिलाफ नारेबाजी तक हो गई. जुब्बल कोटखाई में हुए मंडल के चुनावों में विधानसभा में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के खिलाफ भी नारेबाजी हुई. रामपुर में भी बीते रोज चुनाव थे, लेकिन गुटबाजी की वजह से चुनाव टालने पड़े हैं. इसी तरह ठियोग में भी हुआ है. यहां भी चुनाव नहीं हो पाए हैं.
शिमला शहरी, कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण में भी ब्लॉक अध्यक्ष के लिए सहमती नहीं बन पा रही है. कसौली में भी घमासान बना हुआ है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाया. खास बात ये है कि हमीरपुर में पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के वर्चस्व को समाप्त करने की मुहिम भी चल रही है. जबकि धूमल सुजानपुर मंडल में अपने करीबी को मंडलाध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए हैं, लेकिन जिला के बाकी चार मंडलों में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. इसी तरह की स्थिति बाकी जिलों में भी है.