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HPU में स्वतंत्रता दिवस समारोह: कारगिल शहीद डोलाराम के पुत्र और पुत्रवधू बतौर मुख्यातिथि हुए शामिल

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने ध्वजारोहण किया. स्वतंत्रता दिवस समारोह में कारगिल शहीद डोला राम की पत्नी प्रेमी देवी को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन स्वास्थ्य सही न होने की वजह से प्रेमी देवी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी. ऐसे में उनके पुत्र अश्वनी कटोच और पुत्रवधू ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.

Himachal Pradesh University News, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय न्यूज
कारगिल शहीद डोलाराम के पुत्र और पुत्रवधू

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Published : Aug 15, 2021, 11:22 AM IST

शिमलाःदेश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है. देशभर में आजादी के पर्व की धूम है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने ध्वजारोहण किया.

स्वतंत्रता दिवस समारोह में कारगिल शहीद डोला राम की पत्नी प्रेमी देवी को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन स्वास्थ्य सही न होने की वजह से प्रेमी देवी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी. ऐसे में उनके पुत्र अश्वनी कटोच और पुत्रवधू ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.

कार्यक्रम के बाद ईटीवी भारत ने कारगिल शहीद हवलदार डोला राम के बेटे अश्वनी कटोच से खास बातचीत की. इस दौरान अश्वनी ईटीवी भारत से बातचीत में अश्वनी कटोच ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार के लिए सम्मान बेहद महत्वपूर्ण होता है. अश्वनी कटोच ने विश्वविद्यालय की ओर से उनके परिवार को सम्मान देने के लिए पर खुशी जाहिर की. साथ ही अश्वनी कटोच ने कुल्लू में बने अपने पिता की प्रतिमा को पत्थर से बनाए जाने की मांग उठाई.

उन्होंने कहा कि उनके पिता की प्रतिमा को पीओपी से तैयार किया गया है. इस वजह से बारिश के मौसम में कभी प्रतिमा का रंग निकल जाता है. तो कभी प्रतिमा का पीओपी खराब हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह मांग उन्होंने जिला उपायुक्त और स्थानीय विधायक के समक्ष रखी है. उनकी मांग है कि शहीद हवलदार डोला राम की प्रतिमा को पत्थर से बनाया जाए.

बता दें कि शहीद डोला राम कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे. वे मूल रूप से कुल्लू के सकरोली के रहने वाले थे. शहीद डोला राम को अदम्य साहस और असामान्य वीरता के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया है.

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