शिमला: हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह (Himachal Chief Secretary Ram subhag Singh ) ने आज यहां नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जी. आर. चिंताला के साथ एक बैठक की. इस बैठक में हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अन्तर्गत चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई.
बैठक में बताया गया कि नाबार्ड के अन्तर्गत (Ram subhag Singh meeting with NABARD Chairman) वर्ष 2021-22 के दौरान प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को जमीनी स्तर पर 20260.14 करोड़ रुपये ऋण प्रवाह (क्रेडिट फ्लो) जबकि कृषि क्षेत्र में 8855.60 करोड़ रुपये ऋण प्रवाह रहा. वर्ष 2021-22 में वार्षिक ऋण योजना के अन्तर्गत नाबार्ड की उपलब्धि 77.98 फीसदी रही.
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी, kisan credit card in himachal) के अन्तर्गत 4.36 लाख किसानों को कवर किया जा चुका है और केसीसी के तहत पांच लाख से अधिक और किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2021-22 में राज्य में फसल ऋण के रूप में लगभग 7296.17 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं और वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित ऋण संभावना 29172.00 करोड़ रुपये लक्षित की गई है. राज्य के लिए स्वीकृतियां वित्तीय वर्ष 2017-18 में 510.59 करोड़ रुपये की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1134.33 करोड़ रुपये हो गई.
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत पॉलीहाउस, रोपवे और सीवरेज परियोजनाओं की स्थापना सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 1134 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों और नाबार्ड के अधिकारियों को कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कहा.
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) और प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियों (पीडब्ल्यूसीएस) को मजबूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए भी कहा. बैठक में प्रधान सचिव आर. डी. नजीम, प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव अमिताभ अवस्थी, सचिव डॉ. अजय कुमार शर्मा, हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड (Himachal Pradesh Regional Office NABARD) के महाप्रबंधक डॉ. सुधांशु के. के. मिश्रा, विशेष सचिव राकेश कंवर सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.