शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलने जा रही है. इस सुविधा के शुरू होने से करीब 65 हजार से अधिक मतदाता उपचुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. इससे पहले यह सुविधा सिर्फ सेना के जवानों और कुछ अन्य लोगों को मिलती थी, लेकिन कोविड की वजह से निर्वाचन आयोग ने इसे बुजुर्गों और दिव्यागों के लिए शुरू किया है. प्रदेश में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. पालरासू ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण यह वर्ग अति संवेदनशील है. इसके अलावा आपातकालीन सेवाओं में जुटे कर्मियों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी. इन में एचआरटीसी के कर्मचारी, डॉक्टर, विद्युत व्यवस्था में लगे कर्मचारी आदि शामिल होंगे. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रत्येक मतदाता को डिस्पोजेबल ग्लव्स भी मिलेंगे. मतदाता को यह ग्लव्ज मतदान से ठीक पहले दिया जाएगा और प्रयोग के बाद वहां रखे डस्टबिन में डालना होगा.
मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए निर्वाचन आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स की सूची तैयार की है. इस सूची के अनुसार बैलेट पेपर घर ही भेजे जाएंगे. जिन्हें चुनाव कर्मचारी बाद में घर जाकर ही कलेक्ट करेंगे. इसके लिए प्रदेश भर में कर्मचारियों की 15-15 टीमें बनाई जा रही हैं. यह टीमें पहले चुनाव में मतदान करने संबंधी राय लेने के लिए कि क्या वो बैलेट पेपर की सहायता से मतदान करना चाहेंगे या फिर ईवीएम से इस बारे में पूछने मतदाताओं के घर जाएगी. इसके बाद पोस्टल बैलेट देने के लिए दूसरी बार कर्मचारी मतदाताओं के घर जाएंगे. तीसरी बार मतदान कर्मी मतदाताओं के घर तक जाएंगे, जब उन्हें पोस्टल बैलेट पेपर कलेक्ट करने होंगे.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह का कोई सवाल न उठ सके और मतदान की गोपनीयता भी बनी रहेगी. पोस्टल बैलेट को लेने से पहले उसे सील बंद लिफाफे में पैक किया जाएगा और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करवाया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पोस्टल बैलेट पेपर संबंधित चुनाव क्षेत्र में मतगणना वाले दिन ही खुलेंगे. उपचुनावों में तीनों विधानसभा क्षेत्रों और मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग 65 हजार से अधिक दिव्यांग और 80 साल की आयु के मतदाता बताए जा रहे हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ईवीएम (EVM) और टेंडर वोट (Tendered votes) के लिये मत पत्रों की छपाई का कार्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रदेश राजकीय मुद्राणालय से पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 56,500,फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 4000, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 3,500 मत पत्रों की छपाई की गई है. इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों की छपाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. मंडी संसदीय क्षेत्र के लिये 5,100, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये 300, अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिये 400 और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के लिये 300 सूचियां छपवाई गई हैं.
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने मुद्रण कार्य का विशेष रूप से जायजा लिया है. इस कार्य को निर्धारित समय पर सफलतापूर्वक खत्म करवाने के लिए उन्होंने मुद्रणालय और निर्वाचन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा भी की है. वहीं, सी. पालरासू ने कहा कि मत पत्र और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों का वितरण संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को कर दिया गया है.
हिमाचल में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता भी बिना किसी की सहायता से वोट कर सकेंगे. इसके लिए ब्रेल साइनेज फीचर की सहायता उपलब्ध करवाई गई है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उपचुनाव में 3047 दृष्टिबाधित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. दृष्टिबाधित मतदाताओं को मतदान के दौरान सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं.