शिमला: हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने 20 दिसंबर को होने वाली जयराम कैबिनेट की बैठक में छठे वेतन आयोग को लागू (6th pay commission in Himachal) करने की अधिसूचना जारी करने की मांग की है. इसके साथ ही भत्तों को भी कम से कम 10 फीसदी बेसिक के आधार पर हाउस रेंट आदि देने की भी मांग की है. वहीं, इसके अलावा छठे वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों को 2.59 के मल्टीप्लायर देने की मांग (implement Sixth Pay Commission in Himachal) की है.
इसके साथ-साथ कैबिनेट में कंप्यूटर शिक्षकों के लिए नीति बनाने की बात दोहराई है और साथ ही लंबे समय से शास्त्री और भाषा अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम दिए जाने की जो बात हो रही है उसे भी इस कैबिनेट के माध्यम से बहाल करने की जोरदार मांग की है. चौहान ने कहा कि जिस तरह से हाल ही में जेसीसी की बैठक के माध्यम से सरकार ने जो घोषणा की है उन सब पर इस कैबिनेट के माध्यम से 20 दिसंबर को अधिसूचनाएं जारी कर दी जाए, जिससे कर्मचारियों को उनके लाभ मिल सके.
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को हिमाचल सरकार ने 5 फीसदी महंगाई भत्ते की किस्त की अधिसूचना जारी कर दी है, जबकि हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों और डेढ़ लाख पेंशनर्स के लिए 5 फीसदी महंगाई भत्ते की अधिसूचना जारी नहीं की गई है. कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों (teacher in Himachal Pradesh) और कर्मचारियों का 8 फीसदी महंगाई भत्ता अभी भी देय बनता है.
इस पर भी सरकार कैबिनेट में अधिसूचना जारी कर इसकी अदायगी तुरंत करने का प्रयास करें जिससे कर्मचारियों में बढ़ रहे रोष को कम किया जा सके. वीरेंद्र चौहान ने कहा कि 30 नवंबर को सरकार ने अपने एक चहेते मुख्याध्यापक को 174 लोगों को बाईपास कर पदोन्नत किया, जबकि उसी दिन दो-तीन लोग जो उनसे 90-96 नंबर आगे थे. वे बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त भी हो गए हैं.