हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

शिमला नगर निगम की फाइलों में मिलता है 1870 से जन्म-मृत्यु रिकॉर्ड, पूर्वजों का प्रमाण लेने आते हैं विदेशी

पहाड़ों की रानी के नाम से देश-दुनिया में पहचान रखने वाली राजधानी शिमला ने लंबा इतिहास अपने अंदर संजोए रखा है. 1870 से लेकर अब तक का जन्म-मृत्यु का रिकॉर्ड आपको पलक झपकते ही नगर निगम शिमला में मिल जाएगा. यही कारण है कि विदेशों से घूमने आने वाले लोग पूर्वजों की यादों का यहां आकर न केवल अहसास करते हैं, बल्कि प्रमाण के तौर पर साथ लेकर भी जाते हैं.

शिमला नगर निगम
शिमला नगर निगम

By

Published : Aug 19, 2021, 8:37 PM IST

शिमला: शहर एक लंबा इतिहास अपने भीतर संजोए हुए है. आजादी से पहले ब्रिटिश काल (British period) में शिमला (Shimla) अंग्रेजों की समर कैपिटल (summer capital) रही. अंग्रेजों के समय बनी इमारतें, कागजातों को शिमला प्रशासन ने अब तक संभाल कर रखा हुआ है, जो मौजूदा पीढ़ी को उस समय के इतिहास के साथ रूबरू करवाते हैं.



शिमला नगर निगम ( Shimla Municipal Corporation) के पास जन्म-मृत्यु (birth and death) का 1870 से लेकर अब तक रिकॉर्ड (record) मौजूद है ओर ब्रिटिश शासनकाल के समय शिमला में पैदा हुए अपने पूर्वजों का जन्म प्रमाण पत्र लेने इंग्लैंड (England) के कई लोग अब नगर निगम शिमला के दफ्तर में पहुंच रहे हैं. नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा में करीब 150 साल पुराना जन्म-मृत्यु का रिकॉर्ड मौजूद है. वर्ष 1870 के बाद राजधानी शिमला (capital shimla) में पैदा हुए ज्यादातर लोगों का रिकॉर्ड नगर निगम की फाइलों में दर्ज है.

इसमें 1870 से 1947 तक के रिकॉर्ड में सैकड़ों ब्रिटिश लोगों के जन्म होने का भी रिकॉर्ड शामिल है. देश-विदेश के कई लोग निगम दफ्तर आकर अपने पूर्वजों का रिकॉर्ड लेते हैं. कई ऐसे लोग भी हैं जो शिमला घूमने आते हैं और यहां से यादों के रूप में अपने पूर्वजों के जन्म संबंधी प्रमाण पत्र लेकर जाते हैं. हर साल विदेशी नगर निगम में अपने परिजनों का रिकॉर्ड लेने नगर निगम पहुचते हैं. नगर निगम में अभी भी उस समय के रजिस्टर (register) मौजूद है जिसमें जन्म मृत्यु की तिथि अंकित है.



नगर निगम शिमला के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ( Joint Commissioner of Municipal Corporation Ajit Bhardwaj ने बताया कि नगर निगम ने ब्रिटिश काल के रिकॉर्ड को संभाल कर रखा है और हर साल इंग्लैंड से लोग अपने परिजनों का जन्म और मृत्यु का प्रमाण पत्र लेने आते हैं. निगम के पास 1870 से लेकर अब तक का रिकॉर्ड मौजूद है. विदेशों से जब भी कोई अपने पूर्वजों के जन्म-मृत्यु के प्रमाण पत्र लेने के लिए अर्जी करता है तो उसे समय उपलब्ध कराया जाता है.

साल 2020 इंग्लैंड से आए एक दंपति को 106 साल पहले जन्मी उनकी मां का प्रमाण पत्र नगर निगम शिमला ने दिया. इंग्लैंड के साउथैम्पटन (southampton) शहर की जेलियन (gelion) अपने पति के साथ शिमला घूमने पहुंची थी. इस दौरान जेलियन नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के पास पहुंची और उन्हें बताया कि उनकी मां का जन्म शिमला में हुआ था. उसका रिकॉर्ड मांगने के लिए अर्जी भी दी. इसके बाद निगम की स्वास्थ्य शाखा ने उन्हें उनकी मां का जन्मप्रमाण पत्र दिया. हाथ से लिखा हुआ इतने साल पहले का रिकॉर्ड देख दंपति हैरान रह गए. जन्म रिकॉर्ड के मुताबिक 22 सितंबर 1914 को जेलियन की मां का जन्म शिमला में हुआ था.


नगर निगम शिमला के पास वर्ष 1870 से रिकॉर्ड मौजूद है. नगर निगम जन्म-मृत्यु का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है, लेकिन पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं हो पाया है. बीते 40 वर्षों का रिकॉर्ड निगम ने ऑनलाइन कर दिया. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन (Online) प्राप्त किया जा सकता है. पूरे रिकॉर्ड को निगम द्वारा ऑनलाइन करना संभव भी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि निगम के रिकॉर्ड में कुछ जन्मतिथियां अंकित नहीं हैं. मात्र जन्म वर्ष ही अंकित किया गया है.

आजादी से पहले शिमला अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी. अंग्रेज अधिकारी शिमला में रहा करते थे. दिसंबर 1851 में नगर निगम शिमला को बतौर नगर कमेटी के रूप में गठित किया गया था. 31 जुलाई 1871 में शिमल प्रथम श्रेणी नगर पालिका गठित हुई. ब्रिटिश लोगों का पंजीकरण यहां पर हुआ करता था. 1884 में इसे पंजाब म्युनिसिपल एक्ट (Punjab Municipal Act) के तहत नगर निगम बनाया गया, जबकि हिमाचल प्रदेश के गठन होने के बाद हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट (Himachal Pradesh Municipal Act) के तहत नगर निगम का गठन किया गया.

ये भी पढ़ें: SHIMLA: पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा शिमला का ऐतिहासिक Bantony Castle

ABOUT THE AUTHOR

...view details