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Published : Nov 13, 2020, 8:05 PM IST

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पांवटा साहिब में दिवाली पर सजे बाजार, इस बार स्वदेशी साजो-सामान की हो रही मांग

पांवटा साहिब में दिवाली के पर्व को लेकर बाजार में लोग खरीदारी के पहुंच रहे हैं. इस बार स्वदेशी दिवाली मनाने को लेकर क्रेज देखने को मिल रहा है. बाजार में इस बार की दिवाली पर स्वदेशी दियों और अन्य साजो-सामान की डिमांड है और लोगों चीन में बने सामान से दूरी बना रहे हैं. इस बार के कारोबार से कुम्हार खुश हैं और उन्होंने अच्छे कारोबार की उम्मीद जताई है.

diwali with indigenous goods
diwali with indigenous goods

पांवटा साहिबः रोशनी का त्योहार दिवाली को लेकर बाजार सज चुके हैं. उपमंडल पांवटा साहिब के बाजार में लोग खरीदारी के पहुंच रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते इस बार सावधानियां बरतते हुए त्योहार की तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, इस बार बाजार में वोकल फॉर लोकल पर लोगों का फोकस दिख रहा है.

बाजार में इस बार की दिवाली पर स्वदेशी दीयों और अन्य साजो-सामान की डिमांड है और लोगों चीन में बने सामान से दूरी बना रहे हैं. व्यापारियों की मानें तो इस बार लोग चीनी सामान के बजाये पारंपरिक और देश में बने सामान पर विश्वास जताने लगे हैं. चाइनीस लाइट्स भले ही बाजार में हों, लेकिन इनकी बिक्री में भारी गिरावट देखी जा रही है.

वीडियो.

मिट्टी के दीयों की हो रही जमकर खरीदारी

पांवटा साहिब के हर चौक-चौराहे व बाजार में इस बार मिट्टी के दिए नजर आ रहे हैं जिनकी जमकर लोग खरीदारी भी कर रहे हैं. मिट्टी के दीये बनाने वालों कुम्हारों ने भी अलग-अगल रंगों से दियों को सजाया हुआ है, जो ग्राहकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इस बार के कारोबार से कुम्हार खुश हैं और उन्होंने अच्छे कारोबार की उम्मीद जताई है.

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि दिवाली का असली मतलब ही दीपों का त्योहार होता है. यह परंपरा कहीं न कहीं खो रही थी, लेकिन इस साल स्वदेशी दिवाली को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के दीपकों के साथ दिवाली मनाई जाएगी. इसके साथ ही बुजुर्गों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लोगों को कम पटाखे चलाने के लिए कहा जा रहा है.

इस बार चाइनीज सामान की डिमांड कम

उधर, दिल्ली से कारोबार के लिए पांवटा साहिब आए एक कारोबारी राजू ने बताया कि इस बार चाइनीज सामान की डिमांड कम हैं. पहले जहां दस लाख के करीब व्यापार होता था वहीं, इस बार दो लाख तक ही कारोबार सिमट गया है. उन्होंने कहा कि लाइट्स व अन्य सजावट का सामान अपने देश में ही बने तो इससे अपने देश को आर्थिक लाभ अधिक होगा. उन्होंने कहा कि स्वदेशी सामान की मांग है जो कि अच्छी बात है, लेकिन अभी स्वदेशी सामान की कीमत अधिक होती है. इसलिए लोग चाइनीज सामान की मांग करते थे, लेकिन इस बार मांग कम है.

कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए होगी प्रार्थना

कुल मिलाकर पांवटा साकोरोना महामारी से मुक्तिहिब में दिवाली के त्योहार को मनाने के लिए लोगों में भरपूर उत्साह है, लेकिन इस बार चाइनीज सामान के बजाये लोग स्वदेशी सामान की खरीद-फरोत को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस बार स्वदेशी दिवाली मनाने को लेकर क्रेज है. साथ ही लोगों का कहना है कि इस बार वे स्वदेशी दीयें जलाते हुए भगवान से देश-दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना भी करेंगे.

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