मंडी: करसोग की एक बेटी ने देश का नाम गर्व से ऊंचा किया है. नेपाल में हाल ही में सम्पन्न हुए एशियन पैरा कबड्डी मैच में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीत कर देश का गौरव बढ़ाया है. बता दें कि इस टीम की एक सदस्य करसोग के मतेहल शिरगल की लड़की शशि ठाकुर भी शामिल हैं.
बता दें कि करसोग के मतेहल शिरगल में गरीब परिवार में पैदा हुई शशि ठाकुर ने ना तो अपने शरीर को बाधा बनने दिया और ना ही व्यवस्थाएं की बेड़ियां उसको गोल्डन गर्ल बनने से रोक पाई. नेपाल से बुधवार को इतिहास रचकर वापस लौटी शशि ठाकुर ने सफलता की ऐसी गाथा लिख दी है जो हर लड़की के लिए प्रेरणादायक है.
सम्मान प्राप्त करते हुए शशि ठाकुर बता दें कि गरीब किसान दौलतराम के घर पैदा हुई इस बेटी का जीवन शुरू से ही संघर्ष पूर्ण रहा है. बता दें कि पैदा होने के वक्त से ही पांव से अक्षम शशि ठाकुर ने अपने मजबूत इरादों से सफलता की नई कहानी रचने का सपना देख लिया था. नेशनल स्तर पर पैरा बैडमिंटन की प्रतियोगिता के दौरान शशि ठाकुर की मुलाकात नेशनल कबड्डी टीम के वाइस प्रेसिडेंट रणजीत गोयल से हुई. बता दें कि शशि की खेल के प्रति लगन को देखते उन्होंने शशि ठाकुर का नाम इंडियन कबड्डी टीम के लिए आगे बढ़ाया था.
शशि को 23 हजार की एंट्री फीस जुटाने में भी दिक्कत हुई. शशि ठाकुर ने जीत के बाद कहा कि इस दौरान सरकार से भी कोई वित्तीय मदद नहीं मिली. उन्होंने कहा कि पिता सहित दोस्तों ने एंट्री फीस के लिए पैसे एकत्रित किए जिसके बाद उसका चयन हो गया. उन्होंने कहा कि गांव में एक लड़की को घर से निकलना बहुत कठिन होता है. इसके लिए उसने अपने पिता को राजी किया और उनके सहयोग से वह ये मुकाम हासिल कर पाई है.