मंडी: विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली 'बणी-ठणी' का नाम आज कौन नहीं जनता है. राजस्थान के किशनगढ़ की बणी-ठणी” चित्र शैली की यह पेंटिंग इस बार मंडी शिवरात्रि महोत्सव में भी पहुंच गई है. राजस्थान किशनगढ़ के अरविंद साहू ने इस चित्र शैली का एक स्टॉल विभागीय प्रदर्शनों के पंडाल में लगाया है. अरविंद साहू व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बनाए गए यह चित्र एकाएक लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में इंडियन 'मोनालिसा' की पेंटिंग बनी आकर्षण का केंद्र
इस बार मंडी शिवरात्रि महोत्सव में विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली 'बणी-ठणी' का एक स्टॉल विभागीय प्रदर्शनों के पंडाल में लगाया है. इन पेंटिंग्स में भारतीय मोनालिसा की पेंटिंग भी है (Indian Monalisa Painting IN Mandi) जो कि किशनगढ़ के राजाओं के पुराने डॉक्यूमेंट्स पर तैयार की गई है.
इन पेंटिंग्स में भारतीय मोनालिसा की पेंटिंग भी है (Indian Monalisa Painting IN Mandi) जो कि किशनगढ़ के राजाओं के पुराने डॉक्यूमेंट्स पर तैयार की गई है. वहीं, पुराने डाक पत्रों पर भी बणी-ठणी चित्र शैली की कई पेंटिंग्स तैयार की गई है. चित्रकार अरविंद साहू ने बताया कि बणी-ठणी चित्र शैली पेंटिंग उन्होंने अपने पिता से सीखी है और उनके परिवार के अधिकतर सदस्य इस शैली में पेंटिंग तैयार करते हैं. उन्होंने बताया कि स्टॉल में लगाई गई यह सभी पेंटिंग उन्होंने स्वयं तैयार की है और इन पेंटिंग्स की खास बात यह है कि यह रात के समय कम रोशनी में भी चमकती हैं. उन्होंने बताया कि यह सभी पेंटिंग्स कागज व कपड़े पर तैयार की गई है. अरविंद साहू बताते हैं कि वोकल फॉर लोकल उत्पाद को बढ़ावा देते हुए उन्होंने यह पेंटिंग्स तैयार की है, जिनकी कीमत 250 से 2500 के बीच में रखी गई है.
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